भारतीय बाजार में तेजी, बिटकॉइन धराशायी- निवेशकों को बड़ा झटका

भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी का रुख देखने को मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। बिटकॉइन सोमवार (18 अगस्त) सुबह 10:30 बजे तक 2.12% टूटकर करीब 1,15,559 डॉलर पर आ गया। इस गिरावट से निवेशकों को एक ही दिन में बड़ा झटका लगा।

बिटकॉइन का मार्केट कैप फिलहाल लगभग 2.30 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर है और पिछले 24 घंटों में इसका ट्रेडिंग वॉल्यूम 55.73 बिलियन डॉलर तक पहुंचा। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) भी 3% फिसलकर 4,349 डॉलर पर आ गया। गौरतलब है कि बिटकॉइन अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर से लगभग 7% नीचे है। 14 अगस्त को बिटकॉइन ने 1,25,514 डॉलर का रिकॉर्ड स्तर छुआ था, जबकि उसी दिन ईथर भी अब तक के शीर्ष स्तर से महज 100 डॉलर दूर रह गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि हालिया तेजी मुख्य रूप से डिजिटल एसेट ट्रेजरी कंपनियों की बढ़ती हिस्सेदारी के कारण देखने को मिली थी।

गिरावट के कारण

ऑर्बिट मार्केट्स की सह-संस्थापक कैरोलीन मौरोन के अनुसार, पिछले सप्ताह नए रिकॉर्ड बनाने के बाद निवेशक बड़े पैमाने पर मुनाफावसूली कर रहे हैं। इसके साथ ही क्रिप्टो ट्रेजरी बूम की रफ्तार भी अब धीमी होती दिखाई दे रही है।

शेयर बाजार में उत्साह

दूसरी ओर, वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी का माहौल बना हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की प्रस्तावित बैठक से पहले एशियाई बाजारों में बढ़त देखी गई। MSCI एशिया पैसिफिक इंडेक्स 0.4% मजबूत हुआ, जिसमें चीन और जापान का बड़ा योगदान रहा। हालांकि, दक्षिण कोरिया का बाजार थोड़ा कमजोर रहा। यूरोपीय शेयर फ्यूचर्स 0.3% और S&P 500 फ्यूचर्स 0.1% चढ़े। शंघाई स्टॉक इंडेक्स 10 साल के उच्च स्तर की ओर बढ़ रहा है। डॉलर इंडेक्स लगभग स्थिर रहा, जबकि ट्रेजरी यील्ड में मामूली गिरावट आई और 10 साल की यील्ड घटकर 4.30% पर आ गई। क्रिप्टो में गिरावट का असर सोने की कीमतों पर भी दिखा, जो 0.4% मजबूत हुई।

निवेशकों की नजर बैठक पर

अब बाजार की नजर ट्रंप और जेलेंस्की की बैठक पर टिकी है। इससे पहले पुतिन के साथ हुई शिखर वार्ता बिना किसी बड़े प्रतिबंध के समाप्त हो चुकी है। मिजुहो कॉर्प के स्ट्रैटेजिस्ट जॉर्डन रोचेस्टर का कहना है कि निकट भविष्य में बाजार से बड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की जा रही है, क्योंकि स्थिति इस पर निर्भर करेगी कि यूक्रेन रूस की शर्तें मानता है या नहीं। हालांकि, उम्मीदें बनी हुई हैं और यही निवेशकों का विश्वास बनाए रखे हुए है।

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