मध्यप्रदेश: उमंग सिंघार ने लगाया वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और वोट चोरी का आरोप

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग की लापरवाही के कारण लाखों संदिग्ध मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं, जिससे कई विधानसभा सीटों पर चुनाव के नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। जनवरी से अगस्त 2023 के बीच मतदाताओं की संख्या में 4.64 लाख की वृद्धि हुई, जबकि अगस्त से अक्टूबर 2023 के केवल दो महीनों में 16.05 लाख नए वोट जोड़े गए। यह रोजाना लगभग 26,000 नए वोट बनते हैं।

सिंघार ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों — छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना — में 1 जनवरी से 30 जून तक किए गए मतदाता संशोधनों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था, लेकिन डेटा न तो वेबसाइट पर डाला गया और न ही किसी के साथ साझा किया गया। 2 दिसंबर 2022 के आदेश के तहत राज्य निर्वाचन आयोग ने 8.51 लाख नकली या डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक किसी जिले ने इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की।

रिकॉर्ड छुपाए जाने का आरोप
उमंग सिंघार ने कहा कि RTI कानून के बावजूद मतदाता सूची और गरुड़ा ऐप से जुड़ी जानकारी साझा नहीं की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि 27 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवार मामूली अंतर से हार गए, जबकि उन्हीं इलाकों में मतदाताओं की संख्या असामान्य रूप से बढ़ी। उनका आरोप है कि यह BJP को चुनाव में अनुचित लाभ दिलाने के लिए किया गया।

सिंघार ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाया कि मतदाता सूची में फोटो गोपनीयता के कारण शामिल नहीं किए जाते, जबकि सरकार अपनी योजनाओं में बड़े-बड़े फोटो और वीडियो सार्वजनिक करती है। उन्होंने कहा कि जब गड़बड़ी की शिकायत की जाती है, तो मध्यप्रदेश CEO की वेबसाइट अक्सर बंद या मेंटेनेंस मोड में रहती है, जो पारदर्शिता से बचने का संकेत है।

चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर सवाल
चुनाव आयोग ने CCTV फुटेज साझा करने से इनकार करते हुए कहा कि इससे मतदाता गोपनीयता प्रभावित होगी। विपक्ष ने सवाल किया कि अगर मतदान केंद्रों पर CCTV लगे हैं, तो जनता को लाइव क्यों नहीं दिखाया जा रहा। इसके अलावा हाउस नंबर 0 पर फर्जी प्रविष्टियों का मुद्दा भी उठाया गया।

कांग्रेस की मुख्य मांगें
कांग्रेस ने फाइनल मतदाता सूची को फ्रीज करने, चुनाव तक किसी भी बदलाव पर रोक लगाने और पूरा डेटा मशीन रीडिंग फॉर्मेट में जारी करने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि डेटा PDF के बजाय CSV/Excel में उपलब्ध कराया जाए, प्रत्येक एंट्री के साथ फोटो शामिल किया जाए, डुप्लीकेट और फर्जी प्रविष्टियों की पहचान आसान हो और संशोधन-लॉग सार्वजनिक किया जाए। फॉर्म नंबर 9, 10, 11 सहित सभी डेटा जनता के लिए उपलब्ध कराए जाएं। विपक्ष का आरोप है कि मौजूदा स्थिति से चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो रही है और BJP को लाभ मिल रहा है।

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