भारत-चीन सीमा वार्ता: डोभाल-वांग यी की मुलाकात, रिश्तों में सुधार पर जोर

नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि स्तर की 24वीं वार्ता की। बैठक के दौरान डोभाल ने विश्वास जताया कि पिछली बातचीत की तरह यह दौर भी सफल रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले हैं, ऐसे में यह वार्ता बेहद अहम है।

वांग यी ने कहा कि उन्हें दिल्ली में विशेष प्रतिनिधि स्तर की बैठक में शामिल होकर प्रसन्नता है। उन्होंने स्वीकार किया कि बीते कुछ वर्षों में दोनों देशों के संबंधों में आई रुकावटें जनता के हित में नहीं थीं। हालांकि, पिछले साल कज़ान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात ने संबंधों को नई दिशा दी और सीमा मुद्दे के समाधान को गति प्रदान की।

सीमा पर स्थिरता लौटने का दावा
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले साल हुई 23वीं दौर की बातचीत बेहद सफल रही थी। उस समय दोनों देशों के बीच सीमा प्रबंधन और मतभेदों को सुलझाने के लिए नए समझौते हुए थे। उन्होंने बताया कि उस समझौते और कार्य ढांचे की वजह से अब हालात स्थिर हुए हैं और सीमा पर शांति बहाल हुई है।

भारत-चीन रिश्तों के 75 वर्ष
मुलाकात के दौरान एनएसए डोभाल ने कहा कि भारत और चीन अपने कूटनीतिक रिश्तों के 75 साल पूरे कर रहे हैं और यह अवसर जश्न मनाने का है। उन्होंने कहा कि नई ऊर्जा और सहयोग की भावना के चलते दोनों देशों ने उल्लेखनीय प्रगति की है। डोभाल ने सीमा पर तैनात सेनाओं के सहयोग और राजनयिक प्रयासों की भी सराहना की।

रिश्तों को और आगे बढ़ाने का संकल्प
डोभाल ने कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनी हुई है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है और द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं। वहीं, वांग यी ने कहा कि चीन प्रधानमंत्री मोदी के आगामी दौरे और तिआनजिन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन को महत्व देता है। उन्होंने जोर दिया कि भारत-चीन के स्थिर संबंध न केवल दोनों देशों, बल्कि विकासशील राष्ट्रों के लिए भी लाभकारी होंगे।

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