हिमाचल में बारिश और भूस्खलन से तबाही, कुल्लू-मंडी में बादल फटने से भारी नुकसान

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही का दौर जारी है। कुल्लू और मंडी जिलों में दो स्थानों पर बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ है। कुल्लू जिले के लगघाटी क्षेत्र में कड़ौन पंचायत के भूभू जोत में बादल फटने से दो मकान, दो पुल और तीन दुकानें बह गई हैं। करीब 15 परिवारों की कृषि योग्य जमीन भी बर्बाद हो गई। कुल्लू-कालंग सड़क बंद होने के कारण दुर्गम चार पंचायतों का संपर्क कट गया है।

भुंतर-मणिकर्ण-बरशैणी मार्ग भी बंद है। इसके चलते क्षेत्र के स्कूल, कॉलेज, आईटीआई और अन्य प्रशिक्षण संस्थानों में मंगलवार को अवकाश घोषित किया गया। पार्वती घाटी के रशोल गांव में भूस्खलन से एक शेड ध्वस्त हुआ, जिसमें नेपाल मूल की महिला दीपा (45) की मौत हो गई। किन्नौर में कैलाश यात्रा के दौरान पत्थर लगने से एक और श्रद्धालु की जान गई। अब तक यात्रा में पांच श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, और प्रशासन ने यात्रा पर रोक लगा दी है।

मंडी जिले की चौहारघाटी की तरसवाण पंचायत में भी बादल फटने से स्वाड़ और सिल्हबुधाणी में भारी नुकसान हुआ। सिल्हबुधाणी में 5 फुट ब्रिज, एक दुकान, सराय और घराट बह गए। स्वाड़ में मत्स्य पालन के दो फिश फार्म के 10 टैंक बाढ़ में बहने से ट्राउट मछलियां नष्ट हो गईं। उच्च पाठशाला तरसवाण परिसर में भी मलबा घुस गया।

सिरमौर के अगड़ीवाला गांव में भूस्खलन से छह किलोमीटर क्षेत्र धंस गया, जिससे पूरे गांव को खतरा पैदा हो गया। प्रशासन ने सात परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया। शिमला के बैनमोर में भी भूस्खलन के चलते 116 लोगों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया।

कुल्लू में किरतपुर-मनाली फोरलेन के पास भूस्खलन से सड़क धंस गई और करीब पांच किलोमीटर मार्ग वनवे कर दिया गया। बिलासपुर के थापना में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बंद हो गया। मनाली की ओर से आने वाले वाहनों को नौणी और पंजाब की ओर से आने वाले वाहनों को स्वारघाट व कैंचीमोड़ मार्ग पर डायवर्ट किया गया।

प्रदेश में मंगलवार शाम तक 357 सड़कें बंद थीं। बिजली की 872 ट्रांसफार्मर और 140 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं। राजधानी शिमला में दोपहर के समय तेज बारिश और धूप का दौर जारी रहा।

मौसम विभाग ने ऊना, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में बुधवार को भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 22 से 25 अगस्त तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम खराब रहने का अनुमान है।

सतलुज का जलस्तर बढ़ने से कोलडैम के स्पिलवे गेट से हर रोज पानी छोड़ा जा रहा है। गोबिंद सागर झील का जलस्तर चार से पांच मीटर बढ़ गया है और पानी बिलासपुर शहर के लुहणू मैदान तक पहुँच गया। भाखड़ा बांध का जलस्तर मंगलवार सुबह तक 1665 फुट तक पहुँच गया, जो डैम की 1680 फुट क्षमता के करीब है।

बारिश के आंकड़े (मिलीमीटर में)

  • जुब्बड़हट्टी: 117
  • सोलन: 56
  • शिमला: 54
  • भुंतर: 45
  • बिलासपुर: 40

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