वृंदावन में आयोजित कथा कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध संत और जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने सामाजिक और धार्मिक मामलों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने धर्मांतरण को समाज को तोड़ने वाला गंभीर संकट बताया और कहा कि इसे सहन नहीं किया जाएगा। महाराज ने स्पष्ट रूप से कहा कि सनातन धर्म के साथ छेड़छाड़ करने वालों को इसका उत्तर भुगतना पड़ेगा।
हिंदू लड़कियों को सजग रहने और लव जिहाद जैसी साजिशों से बचने की सलाह देते हुए महाराज ने उन्हें रानी लक्ष्मीबाई की तरह साहसी बनने का संदेश दिया। मंदिरों के सरकारी अधिग्रहण का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर उन्होंने बताया कि 22 अगस्त को इस मामले में सुनवाई है और यदि न्यायालय बुलाएगा तो वह राम जन्मभूमि की तरह मजबूती से पक्ष रखेंगे।
रामभद्राचार्य महाराज ने युवा पीढ़ी को पढ़ाई-लिखाई में मन लगाने और संस्कृति से जुड़ने का संदेश भी दिया। उन्होंने वर्तमान संत समाज की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कई संत केवल मंदिर और मठ बना रहे हैं, लेकिन अध्यात्म और शास्त्र अध्ययन से दूर होते जा रहे हैं। साथ ही, महिलाओं को लेकर विवादास्पद टिप्पणियों वाले संतों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की सलाह दी। महाराज ने कहा कि संत का आचरण ही उसका सबसे बड़ा संदेश होता है।