केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग और उसके प्रचार पर रोक लगाता है और उल्लंघन करने पर जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान करता है। इसके तहत निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक वैधानिक नियामक प्राधिकरण भी स्थापित करने का प्रस्ताव है। बताया जा रहा है कि यह विधेयक बुधवार को संसद में पेश किया जा सकता है।
वित्तीय संस्थानों पर रोक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान
विधेयक ऑनलाइन मनी गेम्स से जुड़े धन के प्रसंस्करण और हस्तांतरण पर बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को रोक लगाएगा। सूत्रों ने कहा कि इसमें विशेष ध्यान इस बात पर रखा गया है कि रियल मनी गेमिंग उपयोगकर्ताओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है, खासकर उन खेलों में जहां मौद्रिक लाभ जुड़ा हो।
सरकार का उद्देश्य और कानूनी ढांचा
सरकार का कहना है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग से धन शोधन, धोखाधड़ी और साइबर अपराध बढ़ते हैं। वर्तमान कानून के अनुसार, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अवैध सट्टेबाजी और जुए से जुड़े अपराधों की रोकथाम, जांच और अभियोजन के लिए जिम्मेदार हैं। कई रियल मनी गेमिंग कंपनियां खुद को “कौशल आधारित खेल” बताते हुए प्रतिबंध से बचने की कोशिश करती हैं।
मद्रास हाईकोर्ट ने दी थी याचिका खारिज
जून में मद्रास हाईकोर्ट ने रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें तमिलनाडु सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी। अदालत ने कंपनियों की दलील खारिज की कि राज्य के पास डिजिटल प्लेटफॉर्म को विनियमित करने का अधिकार नहीं है। अदालत ने “कौशल खेल” और “संभावना खेल” को अलग करने का तर्क भी अस्वीकार किया।
सरकार की रिपोर्ट और सार्वजनिक स्वास्थ्य के खतरे
तमिलनाडु सरकार ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रियल मनी गेमिंग राज्य के नागरिकों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करती है। कुछ मामलों में ऑनलाइन गेमिंग के कारण आत्महत्या की भी जानकारी दी गई थी।
वर्तमान नियम और नियंत्रण उपाय
अभी जीएसटी खुफिया महानिदेशालय आईटी अधिनियम, 2000 और आईजीएसटी अधिनियम के तहत ऑनलाइन गेमिंग एप्स को ब्लॉक करने का अधिकार रखता है। ऑनलाइन मनी गेमिंग प्रदाताओं को आईजीएसटी अधिनियम के तहत नियंत्रित किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने 2022 से जून 2025 तक 1,524 आदेश जारी कर ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफॉर्म को रोकने के लिए कदम उठाए हैं।