केंद्र सरकार ने शुक्रवार को भारत के सबसे बड़े रक्षा अनुबंध को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत भारतीय वायुसेना के लिए 97 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद की जाएगी, जिनका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) करेगी। यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
पहले भी दिया जा चुका है ऑर्डर
यह एलसीए मार्क 1ए विमानों के लिए दूसरा बड़ा ऑर्डर है। इससे पहले सरकार ने कुछ साल पहले लगभग 48,000 करोड़ रुपये में 83 विमानों का ऑर्डर दिया था। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस नए कार्यक्रम से वायुसेना अपने पुराने मिग-21 विमानों के बेड़े को चरणबद्ध तरीके से बदल सकेगी।
स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम को मिलेगी मजबूती
रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय द्वारा समर्थित यह स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम न केवल स्वदेशीकरण को बढ़ावा देगा, बल्कि देश के छोटे और मध्यम रक्षा उद्यमों को भी व्यवसाय के अवसर उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने HAL के पुनरुद्धार पर जोर देते हुए सभी प्रकार के स्वदेशी लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और उनके इंजनों के निर्माण ऑर्डर दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने भरी थी उड़ान
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी लड़ाकू विमान के प्रशिक्षक संस्करण में उड़ान भरी थी, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा लड़ाकू विमान में भरी गई पहली उड़ान थी।
एलसीए मार्क 1ए के उन्नत संस्करण
एलसीए मार्क 1ए विमान में शुरुआती 40 विमानों की तुलना में बेहतर एवियोनिक्स और रडार प्रणाली होगी। नए विमानों में स्वदेशी सामग्री की मात्रा 65 प्रतिशत से अधिक होगी। इस योजना की घोषणा सबसे पहले तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्पेन में विदेशी धरती पर की थी।