सिर्फ दो मुकदमों में नाम आने पर गुंडा एक्ट लागू नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति पर केवल दो आपराधिक मुकदमों के आधार पर उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम, 1970 (गुंडा एक्ट) लागू नहीं किया जा सकता। अदालत ने इस टिप्पणी के साथ ललितपुर के एडीएम द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को निरस्त कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति अवनीश सक्सेना की खंडपीठ ने सौरभ कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

याचिकाकर्ता सौरभ कुमार को 30 जून 2025 को एडीएम ललितपुर ने गुंडा एक्ट की धारा 3 के तहत नोटिस भेजा था। इसमें दो आपराधिक मामलों में नाम दर्ज होने और एक बीट रिपोर्ट का हवाला दिया गया था। याची की ओर से दलील दी गई कि केवल इतने आधार पर कार्रवाई करना कानून के विपरीत है। साथ ही गोवर्धन बनाम राज्य (2023) मामले का हवाला देते हुए कहा गया कि अदालत पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि महज दो मामलों में नाम आने से किसी को ‘गुंडा’ नहीं कहा जा सकता।

हाईकोर्ट ने माना कि इस प्रकार की कार्रवाई प्रशासनिक शक्ति का दुरुपयोग है। कोर्ट ने नोटिस को रद्द करते हुए अधिकारियों को भविष्य में ऐसे मामलों में कानूनी मानकों का पालन करने और सावधानी बरतने के निर्देश दिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here