भिवानी। शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले ने मंगलवार को नया मोड़ ले लिया। पुलिस द्वारा मनीषा की मौत को आत्महत्या बताने के प्रयास को ग्रामीणों ने खारिज कर दिया। ढाणी लक्ष्मण की पंचायत ने निर्णय लिया कि न्याय मिलने तक मनीषा का अंतिम संस्कार नहीं होगा और मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। इसी के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने देर रात यह घोषणा की कि मनीषा हत्याकांड की जांच अब सीबीआई करेगी।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन मामले की गंभीरता और पारदर्शिता के साथ देख रहे हैं। परिवार की मांग के आधार पर केस सीबीआई को सौंपा जा रहा है और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
गांव में तनाव और पुलिस की तैनाती
ग्रामीणों ने मंगलवार को ढाणी लक्ष्मण के रास्तों को पेड़-पत्थर और ईंट से बंद कर दिया। स्कूल भी सुरक्षा कारणों से बंद रखा गया। पंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं। तनाव बढ़ता देख प्रशासन ने गांव के बाहर पुलिस बल तैनात किया और दो दिन के लिए भिवानी व चरखी दादरी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी। रोहतक रेंज के आईजी भी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की वैज्ञानिक जांच का आश्वासन दिया।
पिता ने कही यह बात
मनीषा के पिता संजय ने कहा कि उनकी बेटी कभी आत्महत्या नहीं कर सकती। उन्होंने प्रशासन और मेडिकल टीम की जांच को अस्वीकार करते हुए न्याय की मांग की। संजय ने खुद वीडियो जारी कर यह बात कही।
सर्वखाप और पंचायत का रुख
चरखी दादरी में सर्वखाप ने महापंचायत की और पुलिस की थ्योरी को खारिज किया। फोगाट खाप प्रधान सुरेश फोगाट की अध्यक्षता में पीड़ित परिवार का समर्थन करते हुए 11 सदस्यीय कमेटी गठित की गई। ढाणी लक्ष्मण में ग्रामीणों ने सात सदस्यीय नई कमेटी बनाई और ऐलान किया कि हत्यारों की गिरफ्तारी तक अंतिम संस्कार नहीं होगा। कमेटी ने लोहारू के एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई जांच और एम्स से पोस्टमार्टम कराने की मांग की।
विरोध और हाईवे जाम
मनीषा की मौत के मामले में नाराज छात्रों ने दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे जाम कर दिया, जिसे पुलिस ने लाठीचार्ज कर हटाया।
पिता पर दबाव और ग्रामीणों की नई पहल
मनीषा के पिता संजय ने बताया कि प्रशासन और कमेटी ने अंतिम संस्कार के लिए उन पर दबाव डाला। सोमवार रात को कमेटी भंग कर दी गई थी और अब ग्रामीण स्वयं अगुवाई कर रहे हैं।
सात सदस्यीय कमेटी
नव गठित कमेटी में मामन, मास्टर महाबीर, सरपंच जयसिंह, पूर्व सरपंच शम्भू, विरेंद्र जांगड़ा, मुकेश स्वामी और पूर्व सरपंच अनंत राम शामिल हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने स्पष्ट किया कि कमेटी केवल अगुवाई करेगी और अंतिम निर्णय ग्रामीणों की सहमति से ही लिया जाएगा।
विसरा रिपोर्ट का खुलासा
सुनारिया लैब की विसरा रिपोर्ट के अनुसार, मनीषा की मौत कीटनाशक के सेवन से हुई। शरीर में कीटनाशक के अंश मिले हैं, और किसी तरह की हिंसा या दुष्कर्म के संकेत नहीं हैं। एसपी ने बताया कि शव के अंग मृत्युपरांत गायब हुए, संभवतः जंगली जानवरों द्वारा। पुलिस ने मनीषा के पास मिले सुसाइड नोट की लिखावट की पुष्टि भी की है।