इस्राइल ने गाजा सिटी में एक नए और व्यापक सैन्य अभियान की तैयारियां तेज कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन अगले कुछ दिनों में शुरू हो सकता है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 22 महीने से जारी युद्ध को रोकने के लिए संघर्षविराम की पहल जारी है।
सूत्र बताते हैं कि इस्राइली सेना पहले से ही जैतून और जबालिया क्षेत्रों में तैनात है और इन्हें अभियान की भूमिका तैयार करने का हिस्सा माना जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने दी कार्रवाई की मंजूरी
इस्राइली सेना ने बुधवार को जानकारी दी कि रक्षा मंत्री ने गाजा सिटी के सबसे घनी आबादी वाले हिस्सों में नई कार्रवाई को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 60 हजार नए रिजर्व सैनिकों को बुलाया जाएगा, जबकि 20 हजार पहले से तैनात सैनिकों की सेवा अवधि बढ़ा दी जाएगी। सेना का कहना है कि इस बार अभियान का मुख्य फोकस हमास की भूमिगत सुरंगों को नष्ट करना होगा।
गाजा में मानवीय संकट की आशंका
मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि यह नया हमला गाजा में मानवीय संकट को और गहरा देगा। पहले से ही लाखों लोग बेघर हैं, कई इलाकों में घर और बस्तियां खंडहर बन चुकी हैं। खाने-पीने की भारी किल्लत और भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है।
युद्ध को लेकर सवाल और विरोध
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि युद्ध का लक्ष्य हमास और अन्य आतंकी गुटों को पूरी तरह खत्म करना और बचे हुए बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना है। लेकिन इस लंबे संघर्ष को लेकर इस्राइल के भीतर ही असंतोष बढ़ रहा है। कई रिजर्व सैनिक सवाल उठा रहे हैं कि राजनीतिक कारणों से युद्ध को लंबा खींचा जा रहा है।
बंधकों के परिवारों और पूर्व सुरक्षा अधिकारियों ने भी नए अभियान का विरोध किया है। उनका कहना है कि गाजा में अभी करीब 50 बंधक फंसे हुए हैं, जिनमें से केवल 20 के जीवित होने की पुष्टि है, और यह ऑपरेशन उनकी जान को और खतरे में डाल सकता है।
संघर्षविराम पर बातचीत
इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष विराम को लेकर काहिरा में मध्यस्थता की कोशिशें जारी हैं। हमास ने साफ किया है कि वह स्थायी युद्धविराम और इस्राइली सेना की वापसी के बदले ही बंधकों को छोड़ेगा। हालांकि नेतन्याहू ने दोहराया है कि जब तक हमास को पूरी तरह खत्म नहीं किया जाता, तब तक किसी समझौते की संभावना नहीं है।
पूर्व खुफिया एजेंसी शिन बेट के प्रमुख योराम कोहेन का कहना है, “यह सोचना गलत है कि हम हर हथियार, हर ठिकाने और हर आतंकी तक पहुंचकर साथ ही सभी बंधकों को सुरक्षित वापस ला सकेंगे। यह संभव नहीं है।”