केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए, जिनमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी की स्थिति में पद से हटाने का प्रावधान किया गया है। शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 सदन में रखा।
बिल पेश होते ही सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सांसदों ने इन विधेयकों को असंवैधानिक और राजनीतिक दुरुपयोग की आशंका वाला बताते हुए विरोध किया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह संविधान में शक्ति विभाजन के सिद्धांत का उल्लंघन है और इससे चुनी हुई सरकारों पर सीधा हमला होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश को “पुलिस स्टेट” बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बिल को संवेदनशील बताते हुए कहा कि इसे जल्दबाजी में लाना उचित नहीं है और इससे राजनीतिक बदले की कार्रवाई का रास्ता खुल सकता है। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने तीनों विधेयकों को संविधान और न्याय के खिलाफ बताया। एन. के. प्रेमचंद्रन ने भी विधेयकों की प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
विपक्ष ने फाड़ी कॉपी, हुआ भारी हंगामा
जैसे ही गृहमंत्री ने 130वां संविधान संशोधन बिल सदन में रखा, विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल और सपा के धर्मेंद्र यादव ने बिल की प्रतियां फाड़कर सदन में उछाल दीं। टीएमसी सांसद लगातार वेल में नारेबाजी करते रहे। इसके बाद विपक्षी दलों के सांसद वेल में आ गए, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
सत्ता पक्ष की ओर से कई सांसदों ने गृहमंत्री की सुरक्षा और बचाव में मोर्चा संभाला। अमित शाह ने स्वयं अपने सांसदों से संयम बरतने की अपील की।
क्या है इन विधेयकों का प्रावधान?
- केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) बिल 2025: मौजूदा कानून में प्रावधान नहीं है कि गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाया जा सके। इस बिल से ऐसा प्रावधान जोड़ा जाएगा।
- संविधान (130वां संशोधन) बिल 2025: इसमें प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री अगर किसी गंभीर आपराधिक आरोप में गिरफ्तार हों तो उन्हें पद से हटाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन प्रस्तावित है।
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन कर गंभीर मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान जोड़ा जाएगा।