भिंड जिले के लहार में पूर्व विधायक डॉ. गोविंद सिंह की कोठी से जुड़ा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। दलित समाज के लोग लंबे समय से इस मामले को लेकर धरने पर बैठे थे। स्थानीय शिकायत के आधार पर पहले कोठी का सीमांकन हुआ, जिसमें सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद पूर्व विधायक के पुत्र अमित प्रताप सिंह और भाई गजेंद्र सिंह ने क्रमशः हाईकोर्ट, डबल बेंच और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मामला स्थानीय प्रशासन को सौंपते हुए लहार एसडीएम को निर्णय देने का आदेश दिया था।
लहार एसडीएम विजय सिंह यादव ने सुनवाई के बाद अमित प्रताप सिंह की अपील खारिज कर कोठी को तोड़े जाने का आदेश जारी किया। यह फैसला दलित समाज के पक्ष में आया, जिससे धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
स्थानीय प्रतिनिधि बाबूलाल टैगोर ने कहा कि इस कोठी के कारण हमारा आम रास्ता बंद हो गया था और हम वर्षों से संघर्ष कर रहे थे। जब से भाजपा विधायक अंबरीश शर्मा गुड्डू भैया निर्वाचित हुए, हमें दोबारा उम्मीद जगी और अब न्याय मिला है।
यह विवाद लहार नगर के वार्ड क्रमांक 12, मेन रोड स्थित डॉ. गोविंद सिंह परिवार की कोठी से संबंधित है। जुलाई 2024 में तहसील कार्यालय की ओर से शासकीय आराजी क्रमांक 2711 और 2715 का सीमांकन कराया गया था, जिसमें सार्वजनिक मार्ग पर अतिक्रमण सामने आया। सीमांकन रिपोर्ट को चुनौती देते हुए परिवारजन पहले हाईकोर्ट गए, लेकिन वहां से राहत नहीं मिली। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मामला स्थानीय राजस्व अदालत को सौंप दिया, जहां दोनों पक्षों के बीच लंबी बहस के बाद यह फैसला सुनाया गया।