मदुरई में हुए पार्टी सम्मेलन के दौरान अभिनेता और तमिलगा वेट्री कड़गम (टीवीके) प्रमुख विजय ने अपने राजनीतिक तेवर स्पष्ट कर दिए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कोई गुप्त सौदेबाजी करने वाली, गठबंधन के लिए झूठ बोलने वाली या जनता को धोखा देने वाली पार्टी नहीं है। विजय ने दावा किया कि तमिलनाडु की जनता, खासकर महिलाएं और युवा, उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टीवीके को केवल सत्ता के लाभ के लिए नहीं, बल्कि जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।
मछुआरों पर हमलों का मुद्दा उठाया
अपने भाषण में विजय ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों पर किए जा रहे हमलों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 800 मछुआरे इस हिंसा का शिकार हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा सवाल करते हुए विजय ने कच्चातिवु द्वीप को वापस लेने की मांग की, ताकि मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि यह केवल मछुआरों का ही नहीं, बल्कि तमिलनाडु के सम्मान का प्रश्न है।
नीट परीक्षा और भाजपा-डीएमके पर निशाना
विजय ने नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को खुली चुनौती दी। उन्होंने भाजपा को वैचारिक विरोधी और डीएमके को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बताया। विजय ने यह स्पष्ट किया कि टीवीके को तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए नहीं बनाया गया है, बल्कि यह जनता के दीर्घकालिक हितों की लड़ाई लड़ने के लिए खड़ी की गई है।
जनता के मुद्दों को प्राथमिकता
टीवीके प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य फोकस महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा होगी। इसके साथ ही किसानों, युवाओं, ट्रांसजेंडर समुदाय और शारीरिक रूप से कमजोर वर्गों को विशेष सहयोग देने वाली सरकार बनाने का उनका संकल्प है। उन्होंने वादा किया कि टीवीके जनता की समस्याओं का समाधान जमीन पर उतरे बिना नहीं छोड़ेगी।
शेर वाली उपमा से दिखाया आत्मविश्वास
अपने संबोधन के अंत में विजय ने एक शेर की उपमा देते हुए कहा कि शेर जानता है कब भीड़ में रहना है और कब अकेले रहना है। शेर मनोरंजन के लिए बाहर नहीं आता, बल्कि केवल शिकार के लिए निकलता है और उसका शिकार हमेशा जीवित होता है। इस उदाहरण के जरिए विजय ने संदेश दिया कि टीवीके का मकसद केवल राजनीति करना नहीं, बल्कि जनता के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाना है।