ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। महज 29 दिनों के भीतर यहां दो छात्रों ने अपनी जान दे दी। 15 अगस्त को बीटेक छात्र शिवम डे ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले करीब एक महीने पहले बीडीएस की छात्रा ज्योति शर्मा ने भी यूनिवर्सिटी कैंपस में आत्महत्या कर ली थी। ताजा घटना के बाद पुलिस ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
शिवम डे बिहार के पूर्णिया जिले का रहने वाला था और बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। उसके कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपनी मौत की जिम्मेदारी खुद पर ली है। नोट में लिखा गया है—“आत्महत्या करना मेरा फैसला है, इसमें किसी की कोई भूमिका नहीं है। मैं पिछले एक साल से इसकी योजना बना रहा था। यह दुनिया मेरे लिए नहीं है। पुलिस से अनुरोध है कि मेरी मौत के लिए किसी को दोषी न ठहराया जाए और यूनिवर्सिटी मेरे परिवार को फीस लौटा दे।”
हालांकि मृतक छात्र के पिता कार्तिक चंद डे का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय रहते परिवार को बेटे की गैरहाजिरी की जानकारी नहीं दी। उनका कहना है कि 2023 से बेटा क्लास में नहीं जा रहा था, इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने परिवार को सूचित नहीं किया, जबकि फीस के लिए लगातार मेल और मैसेज भेजे जा रहे थे।
यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता अजीत कुमार ने इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को नियमित रूप से मेल के जरिए जानकारी दी जाती थी कि छात्र कॉलेज नहीं आ रहा है। प्रवक्ता के अनुसार, शिवम पढ़ाई में पिछड़ रहा था और संभवतः इसी दबाव में उसने यह कदम उठाया।
गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले ज्योति शर्मा नाम की बीडीएस छात्रा ने भी हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी। उसके सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। इस मामले में पुलिस ने एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर समेत दो शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।