लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार सुबह इमीग्रेशन अधिकारियों ने फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश जाने की कोशिश कर रही ब्लैकलिस्टेड थाई नागरिक को हिरासत में लिया। महिला का नाम थोंगफुन चायफा उर्फ दरिन चोकथनपट है।
जांच में पता चला कि महिला बैंकॉक के लिए यात्रा करने की योजना बना रही थी, लेकिन सुरक्षा जांच में उसके दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। उसके पास से 3 फर्जी पासपोर्ट, 2 थाई आईडी, बोर्डिंग पास और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए। थोंगफुन चायफा पहले से ही भारत में यात्रा के लिए ब्लैकलिस्टेड थी और मार्च 2025 में एक्जिट परमिट पर देश छोड़ चुकी थी। इसके बाद वह 31 जुलाई 2025 को रक्सौल बॉर्डर से फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत में प्रवेश कर गई थी।
जांच में सामने आया कि लखनऊ निवासी जसविंदर सिंह ने अपने साथियों नवेंदु मित्तल और शुवेंदु निगम की मदद से महिला के लिए फर्जी पासपोर्ट बनवाए थे। महिला ने पासपोर्ट पर अपना नाम डारिन चोकथनपट बताया और पासपोर्ट नंबर AD 2175735 प्रस्तुत किया। अधिकारियों के अनुसार, यह वही महिला है जो जुलाई 2024 में थोंगफुन चायफा नाम से भारत आई थी और वीजा उल्लंघन के कारण ब्लैकलिस्ट हुई थी।
पूछताछ में महिला ने स्वीकार किया कि जसविंदर सिंह ने उसे फर्जी दस्तावेज दिलवाए। पासपोर्ट में उसके नाम के साथ माता-पिता के नाम भी बदल दिए गए थे। महिला ने 31 जुलाई को रक्सौल बॉर्डर के रास्ते नेपाल से अवैध रूप से भारत प्रवेश किया और तब से लखनऊ स्थित जसविंदर सिंह के घर में रह रही थी।
इससे पहले भी महिला की गतिविधियों की जानकारी 13 अगस्त को इंटेलिजेंस एजेंसियों और एफआरओ लखनऊ तक पहुंच चुकी थी। उस समय पुलिस ने महिला और जसविंदर सिंह को हिरासत में लिया था, लेकिन बिना केस दर्ज किए उन्हें छोड़ दिया गया था। इस लापरवाही पर अब सवाल उठ रहे हैं।