केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के असिस्टेंट लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) को एक निजी व्यक्ति के साथ रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने आरोपी के दफ्तर से एक लाख रुपये नकद बरामद किए। दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 4 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सीबीआई के मुताबिक, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर पर आरोप है कि उसने तमिलनाडु के त्रिची में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के सड़क निर्माण प्रोजेक्ट में लगी एक कंपनी से दो लेबर लाइसेंस जारी करने के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
कंपनी का भुगतान एनएचएआई की ओर से रोका हुआ था क्योंकि लाइसेंस स्वीकृत नहीं हुआ था। इसी दौरान अधिकारी ने एक निजी व्यक्ति के माध्यम से रकम की मांग की। कंपनी ने इसकी शिकायत सीबीआई से की। इसके बाद एजेंसी ने जाल बिछाकर आरोपी अफसर और उसके साथी को रंगे हाथ पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने पुडुचेरी और राजस्थान स्थित आरोपी के कई ठिकानों पर भी छापेमारी की है। जांच एजेंसी का कहना है कि पूरे मामले की गहन जांच जारी है।