जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर पीएम मोदी 29 और 30 अगस्त को टोक्यो में होने वाले 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। यह उनकी जापान की आठवीं यात्रा होगी, जबकि प्रधानमंत्री इशिबा के साथ उनकी पहली औपचारिक बैठक होगी। दोनों नेता विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसमें रक्षा-सुरक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, तकनीकी और नवाचार से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर भी बातचीत होगी। माना जा रहा है कि यह दौरा दोनों देशों के ऐतिहासिक रिश्तों को और गहरा करेगा।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह यात्रा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान सम्मेलन में भाग लेने वाले कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकात भी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी करीब सात साल बाद चीन यात्रा पर जा रहे हैं। पिछली बार वे 2018 में क़िंगदाओ में हुए एससीओ सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन गए थे। मौजूदा दौरे को ऐसे समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब भारत और चीन दोनों आपसी संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
इस वर्ष का एससीओ सम्मेलन संगठन की 25वीं राष्ट्राध्यक्ष परिषद बैठक है, जिसकी मेजबानी चीन पांचवीं बार कर रहा है।