नई दिल्ली। INDIA गठबंधन की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि उन्होंने जीवन में कभी उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने की कल्पना तक नहीं की थी। उन्होंने कहा कि अब तक उन्होंने केवल बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ा है और कानूनी पेशे में तीन दशकों से अधिक समय बिताया है।
रेड्डी ने एक इंटरव्यू में कहा, “नामांकन से महज़ दो दिन पहले तक मेरे मन में यह विचार तक नहीं था कि मैं इस पद के लिए चुनाव लड़ूंगा। कांग्रेस नेताओं की पहल पर यह प्रस्ताव सामने आया और मैंने साफ कहा कि किसी एक पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनना मेरे लिए कठिन होगा। लेकिन अगर पूरा INDIA गठबंधन सहमत हो, तो मैं चुनाव लड़ने को तैयार हूं। इसी तरह यह निर्णय हुआ।”
उन्होंने आगे कहा कि यह चुनाव व्यक्तिगत लड़ाई नहीं बल्कि विचारधाराओं की टक्कर है। उनका कहना था कि उनके और एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन के बीच कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है, बल्कि यह दो अलग-अलग विचारधाराओं के बीच की प्रतिस्पर्धा है।
अमित शाह का पलटवार
वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और INDIA गठबंधन पर तीखा हमला बोला। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने “नक्सल समर्थक सोच रखने वाले व्यक्ति” को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि रेड्डी वही जज हैं, जिन्होंने सलवा जुडूम मामले में ऐसा फैसला दिया जिससे वामपंथी उग्रवाद को बढ़ावा मिला और यदि यह न होता तो नक्सलवाद 2020 तक समाप्त हो सकता था।
गृहमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस के इस निर्णय से केरल में पार्टी की शेष उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं। शाह ने कहा कि यह चुनाव दक्षिण भारत बनाम दक्षिण भारत नहीं है, बल्कि देश के किसी भी हिस्से से उपराष्ट्रपति हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने वामपंथी दलों के दबाव में एक ऐसे व्यक्ति को आगे किया है, जिसने नक्सलवाद को समर्थन दिया।