भारत में नया ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू हो गया है। इसके तहत ऐसे रियल मनी गेम्स, जिनमें खिलाड़ी दांव लगाकर खेलते हैं, अब सख्त नियमों के दायरे में आएंगे। सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पेश किया है। इस कदम का सीधा असर देश के गेमिंग इकोसिस्टम, आईटी सेक्टर और शेयर बाजार से जुड़ी कंपनियों पर पड़ेगा।
ई-स्पोर्ट्स बनाम मनी गेम्स
ई-स्पोर्ट्स पूरी तरह कौशल और रणनीति पर आधारित हैं। इसमें खिलाड़ी अपनी सोच, रिफ्लेक्स और प्रदर्शन से जीत दर्ज करते हैं। चाहे BGMI का मुकाबला हो, Valorant का शूटआउट, FIFA का फुटबॉल मैच या Clash Royale और Dota जैसे डिजिटल वॉरफील्ड—यहां सब कुछ खेल कौशल पर निर्भर होता है। इन खेलों में लीग, टूर्नामेंट और लाखों की पुरस्कार राशि होती है, जिससे खिलाड़ी “स्पोर्ट्स स्टार” के रूप में पहचाने जाते हैं।
इसके विपरीत, मनी गेम्स में खिलाड़ी असली पैसे का दांव लगाते हैं। जीत या हार केवल कौशल से नहीं, बल्कि काफी हद तक किस्मत पर भी टिकी होती है। जैसे Dream11 पर टीम चुनना, Rummy या Poker खेलना या Teen Patti कैश गेम्स खेलना—यहां भाग्य की भूमिका ज्यादा अहम होती है।
सरकार की नई नीति
- ई-स्पोर्ट्स को अब खेल की श्रेणी में शामिल किया जाएगा, न कि जुए या सट्टेबाजी में।
- इसके लिए एक राष्ट्रीय प्राधिकरण गठित होगा, जो तय करेगा कि कौन-सा गेम मान्य है और कौन प्रतिबंधित।
- सभी गेम्स का पंजीकरण अनिवार्य होगा।
- ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स को बढ़ावा मिलेगा।
- PUBG जैसे लोकप्रिय गेम्स की तर्ज पर भारतीय घरेलू गेम विकसित करने पर जोर रहेगा।
- क्रिकेट, फुटबॉल, शतरंज जैसे पारंपरिक खेलों के ई-स्पोर्ट्स वर्जन को प्रोत्साहन मिलेगा।
इससे भारतीय डेवलपर्स को नए अवसर मिलेंगे और ई-स्पोर्ट्स खिलाड़ी न सिर्फ पुरस्कार राशि जीत पाएंगे बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाएंगे। आईटी और स्टार्टअप सेक्टर को भी नई दिशा मिलेगी और भारत वैश्विक ई-स्पोर्ट्स बाजार में अपनी जगह मजबूत कर सकेगा।
चुनौतियां
रियल मनी गेम्स पर रोक लगने से कई कंपनियों का व्यापारिक मॉडल प्रभावित होगा। फैंटेसी लीग और रम्मी जैसे ऐप्स से जुड़े लाखों रोजगार पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ई-स्पोर्ट्स और सट्टेबाजी जैसे गेम्स के बीच स्पष्ट अंतर बनाए रखा जाए।
आगे की राह
बिल पारित होने के बाद सरकार ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए नई गाइडलाइंस जारी करेगी। विदेशों में इन गेम्स की लोकप्रियता देखते हुए भारत भी इन्हें बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।