अलीगढ़ पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। शनिवार को हाईवे से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से दो लग्जरी गाड़ियां, 13 मोबाइल फोन, 18 डेबिट-क्रेडिट कार्ड और 1.76 लाख रुपये बरामद किए गए। जांच में सामने आया कि गिरोह का सरगना फिलीपींस में बैठा है और भारत में मौजूद उसके साथी हर दिन पांच से दस करोड़ रुपये तक की ठगी कर रहे थे।
हाईवे से हुई गिरफ्तारी
एसपी विनोद कुमार ने बताया कि सदर कोतवाल जितेंद्र प्रताप सिंह की टीम ने अलीगढ़–कानपुर हाईवे पर तिखवा कट के पास दो कारों में सवार 10 आरोपियों को दबोच लिया। पकड़े गए लोगों में दिल्ली, लखनऊ, आजमगढ़, प्रतापगढ़ और संत कबीर नगर के निवासी शामिल हैं। इनमें आशुतोष कुमार और अंकित सिंह पर लखनऊ में पहले से मुकदमे दर्ज हैं। आशुतोष को इस नेटवर्क का मुख्य संचालक माना जा रहा है। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।
ठगी का चार-स्तरीय नेटवर्क
पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह ठगी को चार स्तरों पर अंजाम देता था। पहले स्तर पर ‘मीडिया’ नाम से पहचान बनाए गए सदस्य संभावित शिकार की तलाश करते थे। दूसरे स्तर पर ‘होल्डर’ खाताधारकों को झांसा देते कि यदि वे अपना अकाउंट जोड़ेंगे तो गेमिंग व ट्रेडिंग से 20–25 प्रतिशत का मुनाफा मिलेगा। तीसरे स्तर पर ‘किट होल्डर’ आते थे, जिनके पास पासबुक, एटीएम, पैन, आधार, सिम, चेकबुक और ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़ी जानकारी रहती थी। चौथा स्तर ‘पैनल’ का था, जो एक APK फाइल उपलब्ध कराता। जैसे ही यह फाइल चलती, खाताधारक का बैंक खाता पूरी तरह से उनके नियंत्रण में आ जाता और वही इसे फर्जी ऑनलाइन गेमिंग एप से जोड़ देते। इसी रास्ते खातों में भारी भरकम रकम पहुंचती रहती थी।
फाइव स्टार होटलों से होता था ऑपरेशन
सदर कोतवाल ने बताया कि पकड़े गए ठग अक्सर लखनऊ समेत बड़े शहरों के फाइव स्टार होटलों में रुकते थे और वहीं से उद्योगपतियों व अन्य लोगों को निशाना बनाते थे। इस गिरोह का असली मास्टरमाइंड आशुतोष फिलीपींस से नेटवर्क संभालता है और प्रतिदिन करोड़ों रुपये की कमाई करता है। उसका नेटवर्क भारत सहित कई देशों में फैला हुआ है।