कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी पर चिंता जताते हुए श्रीलंकाई सरकार से बदले की राजनीति छोड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि रानिल विक्रमसिंघे पर लगाए गए आरोप मामूली हैं और उन्होंने वर्षों तक देश की सेवा की है, इसलिए उन्हें सम्मान मिलना चाहिए।
शशि थरूर का बयान:
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक पोस्ट में शशि थरूर ने लिखा, “श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को मामूली आरोपों में हिरासत में लिया जाना चिंताजनक है। उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जेल अस्पताल में रखा गया है। हालांकि यह उनका आंतरिक मामला है, मैं श्रीलंका सरकार से आग्रह करता हूं कि वह बदले की राजनीति से परहेज करे और पूर्व राष्ट्रपति के साथ सम्मान और गरिमा के साथ पेश आएं। उन्होंने वर्षों तक देश की सेवा की है।”
श्रीलंकाई पत्रकार ने भारत से मदद की गुहार लगाई:
इसके पहले वरिष्ठ श्रीलंकाई पत्रकार एस वेंकट नारायण ने भी रानिल विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी को हास्यास्पद बताया था। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर भारत 76 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति को चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकता है। नारायण ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “मुझे लगता है कि यह बेहद हास्यास्पद है।” रानिल विक्रमसिंघे ने हिरासत में लिए जाने से पहले कहा था, “मैंने कभी अपने लिए कुछ नहीं किया, मैंने सिर्फ श्रीलंका के लिए काम किया है। मेरी गिरफ्तारी इस बात को दिखाती है कि वर्तमान प्रशासन किस प्रकार का नेतृत्व कर रहा है।”
रानिल विक्रमसिंघे पर लगे आरोप:
स्थानीय मीडिया के अनुसार, रानिल विक्रमसिंघे को सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। आरोप उनके लंदन की निजी यात्रा के दौरान सरकारी धन का इस्तेमाल करने से जुड़े हैं, जहां उन्होंने एक विश्वविद्यालय के स्नातक समारोह में भाग लिया था। छह बार प्रधानमंत्री रहे रानिल विक्रमसिंघे ने गोटाबाया राजपक्षे को हटाए जाने के बाद जुलाई 2022 में श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था। वे सितंबर 2024 में राष्ट्रपति चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके से हार गए थे।