फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम11 ने एशिया कप 2025 से कुछ ही हफ्ते पहले भारतीय क्रिकेट टीम का टाइटल स्पॉन्सर बनने का निर्णय वापस ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी नए कानूनों के चलते इस स्पॉन्सरशिप को जारी रखने के पक्ष में नहीं है।
संसद ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल 2025 पास किया है, जिसके तहत फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर और रमी जैसे सभी रियल मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब केवल ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग की अनुमति रहेगी। इस नियम का उल्लंघन करने पर तीन साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि बोर्ड कानून का पूरी तरह पालन करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनुमति न मिलने की स्थिति में कोई कार्रवाई नहीं होगी और बीसीसीआई हमेशा केंद्र सरकार की नीतियों के अनुसार चलेगा।
अगर 9 सितंबर से यूएई में शुरू हो रहे एशिया कप से पहले ड्रीम11 की जगह किसी नए स्पॉन्सर को नहीं दिया गया, तो भारतीय टीम बिना टाइटल स्पॉन्सर के ही मैदान में उतर सकती है। सूत्रों के अनुसार, ड्रीम11 ब्रांडिंग वाली जर्सी पहले ही छप चुकी है, लेकिन इसका उपयोग अब नहीं किया जाएगा। बीसीसीआई जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए नई बोलियां आमंत्रित कर सकता है। ड्रीम11 ने 2023 में बीसीसीआई के साथ 358 करोड़ रुपए की डील की थी।
नए कानून के लागू होने से ड्रीम11 के मुख्य संचालन पर बड़ा असर पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ड्रीम स्पोर्ट्स के सीईओ हर्ष जैन ने आंतरिक नोट में कर्मचारियों को बताया कि पेड कांटेस्ट टूर्नामेंट जारी रखने का कोई कानूनी रास्ता अब मौजूद नहीं है। कंपनी ने फुल टाइम और कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों को इस बदलाव की जानकारी दी है और एक ट्रांजिशन प्लान तैयार कर रही है।
इस साल की शुरुआत में भारत में अपना बेस वापस लाने वाली ड्रीम11 ने वित्त वर्ष 2024 में 9,600 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया, जिसमें क्रिकेट टूर्नामेंटों में भागीदारी का बड़ा योगदान था। 28 करोड़ से अधिक यूजर्स और भारतीय क्रिकेट से गहरे जुड़ाव के बावजूद, नए कानून ने ड्रीम स्पोर्ट्स के प्रमुख प्लेटफॉर्म के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। अब कंपनी अपने अन्य वर्टिकल—फैनकोड, ड्रीमसेटगो और ड्रीम गेम स्टूडियोज—पर ध्यान केंद्रित कर रही है।