राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पुरानी पेंशन बहाली, अर्जित अवकाश की सीमा असीमित करने और शासन स्तर पर सेवा संघों से मासिक वार्ता शुरू करने की मांग की है। परिषद की रविवार को उद्यान भवन में हुई प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक में यह चेतावनी दी गई कि अगर मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो अक्तूबर के दूसरे सप्ताह से आंदोलन शुरू किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्ष सेवा संघों से वार्ता नहीं कर रहे हैं। बैठक में जिला इकाइयों के गठन की जिम्मेदारी प्रदेश संगठन मंत्री राजा भरत अवस्थी को सौंपी गई। बैठक में प्रदेश महामंत्री संजय कुमार शुक्ला, पवन सिंह, संजय सिंह, नन्दलाल यादव, रामायण राय, सतीश श्रीवास्तव, मनीष शुक्ला और प्रेमचंद शुक्ल आदि उपस्थित रहे।
69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री आवास पर किया प्रदर्शन
बरसों से लंबित 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने रविवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। आधे घंटे तक प्रदर्शनकारियों ने “केशव चाचा न्याय करो” के नारे लगाए। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन अभ्यर्थी नहीं माने। इसके बाद सभी को हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेजा गया।
अभ्यर्थियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से वे नाराज हैं। उनका आरोप है कि सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को जानबूझकर टाल दिया, जिससे मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि 2018 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया था। लंबे संघर्ष और न्यायिक प्रक्रिया के बाद 13 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया था।
अग्निवीर भर्ती रैली: 896 अभ्यर्थियों ने दमखम दिखाया
मुजफ्फरनगर में चल रही अग्निवीर भर्ती रैली के तीसरे दिन रविवार को बिजनौर और बागपत जिलों के 896 अभ्यर्थियों ने जनरल ड्यूटी के लिए शानदार प्रदर्शन किया। क्षेत्रीय भर्ती अधिकारी मेजर जनरल मनोज तिवारी ने रैली का निरीक्षण कर अभ्यर्थियों को प्रोत्साहित किया।
मेजर जनरल तिवारी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी है, इसलिए अभ्यर्थी दलालों के झांसे में न आएं। रैली में शामिल सभी अभ्यर्थियों ने अनुशासनपूर्ण ढंग से भाग लेकर दमखम दिखाया।