सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव विशेषज्ञ संजय कुमार को महाराष्ट्र की मतदाता सूची से जुड़ी गलत जानकारी सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोप में चुनाव आयोग की ओर से दर्ज दो एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और वकील सुमीर सोढ़ी की दलीलों को सुना। अधिवक्ताओं ने कहा कि संजय कुमार ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली थी, इसके बावजूद उन पर FIR दर्ज की गई। पीठ ने कहा कि नोटिस जारी किया जाए और इस बीच कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
शीर्ष अदालत का दरवाजा क्यों खटखटाया?
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) में लोकनीति के सह-निदेशक संजय कुमार ने महाराष्ट्र में उनके खिलाफ दर्ज दो FIR को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
एफआईआर में क्या आरोप है?
FIR में उन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए महाराष्ट्र की मतदाता सूची से जुड़ी गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया गया है।
याचिका में क्या कहा गया?
याचिका में दावा किया गया है कि ये FIR कानून का दुरुपयोग हैं और एक शिक्षाविद को केवल एक वास्तविक गलती के लिए परेशान करने का प्रयास है।