दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया दी। शाह ने हाल ही में कहा था कि जिन नेताओं पर गंभीर अपराधों के मामले चल रहे हों और जो 30 दिन से अधिक जेल में रहें, उन्हें अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
केजरीवाल का पलटवार
शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने एक्स पर लिखा कि अगर कोई नेता गंभीर अपराधियों को अपनी पार्टी में शामिल करता है, उनके मामले खत्म कराता है और उन्हें मंत्री, डिप्टी सीएम या सीएम बनाता है, तो क्या ऐसे नेताओं को भी इस्तीफा नहीं देना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे नेताओं को कितने साल की सजा होनी चाहिए।
झूठे मामले पर सवाल
केजरीवाल ने यह भी पूछा कि अगर किसी को झूठे मामले में जेल भेजा जाता है और बाद में वह निर्दोष साबित होता है, तो झूठा केस बनाने वाले मंत्री को कितने साल की सजा मिलनी चाहिए।
जेल से सरकार चलाने का जिक्र
केजरीवाल ने अपने एक अन्य पोस्ट में कहा कि जब उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजा गया, तब उन्होंने 160 दिन तक जेल से ही दिल्ली सरकार चलाई।
जेल से बेहतर काम हुआ
उन्होंने दावा किया कि बीते सात महीनों में बीजेपी सरकार की वजह से दिल्ली की स्थिति खराब हो गई है। लोगों को अब उस सरकार की याद आ रही है जो जेल से चल रही थी। उस समय बिजली कटती नहीं थी, पानी की कमी नहीं थी, अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में मुफ्त दवाइयां और टेस्ट उपलब्ध थे। बारिश में शहर में अफरातफरी नहीं होती थी और प्राइवेट स्कूल मनमानी नहीं करते थे।
विधेयक को लेकर विवाद
केंद्र सरकार ने मानसून सत्र में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया है। विपक्ष का आरोप है कि इस कानून के जरिए राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जाएगा।