प्रशिक्षण केंद्र योजना बनी सहारा, अब तक 701 अभ्यर्थियों का हुआ चयन

अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं को सिविल सेवा और प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के लिए योगी सरकार की परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र योजना लगातार असर दिखा रही है। समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित इस योजना से अब तक 701 उम्मीदवार चयनित हो चुके हैं।

योजना के अंतर्गत आईएएस, पीसीएस समेत विभिन्न उच्च स्तरीय परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को विशेषज्ञों द्वारा आधुनिक पाठ्यक्रम और तकनीक पर आधारित कोचिंग दी जाती है। तैयारी में प्रारंभिक परीक्षा से लेकर मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार तक सभी चरणों को शामिल किया गया है। विशेष तौर पर लखनऊ में बालिकाओं के लिए अलग केंद्र भी स्थापित है।

योजना का दायरा और उपलब्धियां
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना में 11.24 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, 2017-18 से अब तक 6784 अभ्यर्थी इस पहल से लाभान्वित हो चुके हैं। इनमें से 48 युवाओं ने संघ/राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं पास कीं, जबकि 653 उम्मीदवार अन्य सेवाओं में चयनित हुए हैं। कोविड काल में ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए भी 81 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की थी।

आठ केंद्रों से मिल रही है उच्चस्तरीय कोचिंग
प्रदेश में कुल आठ प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें प्रयागराज, वाराणसी, अलीगढ़, आगरा, हापुड़, गोरखपुर और लखनऊ शामिल हैं। यहां आर्थिक रूप से कमजोर और छह लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के अभ्यर्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।

इन केंद्रों से तैयार होकर निकलने वाले कई युवा न केवल परिवारों का सहारा बने हैं, बल्कि समाज में भी प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं। यह योजना सुनिश्चित कर रही है कि सामाजिक या आर्थिक कठिनाइयाँ किसी की प्रतिभा को दबा न सकें।

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