हिमाचल में बारिश का कहर: पांच की मौत, मणिमहेश यात्रा पर रोक

हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच सोमवार को कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर, कुल्लू और हमीरपुर में मूसलाधार बारिश से तबाही मच गई। भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मणिमहेश यात्रा पर निकले पंजाब के चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने यात्रा को अगले आदेश तक रोक दिया है। इस समय करीब दो हजार से अधिक यात्री रास्ते में फंसे हैं, हालांकि सभी सुरक्षित स्थानों पर ठहराए गए हैं। उधर, नूरपुर के डडवाड़ा गांव में 72 वर्षीय बुजुर्ग की खड्ड में बहने से मौत हो गई। ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी हुई है।

स्कूल बंद और सड़कें ठप

खराब मौसम को देखते हुए ऊना, चंबा, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर और सोलन में मंगलवार को स्कूल बंद रहेंगे। भारी बारिश और भूस्खलन से 793 सड़कें बाधित हो चुकी हैं। 956 ट्रांसफार्मर बंद पड़ गए हैं, जबकि 517 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं। मौसम विभाग ने चंबा और कांगड़ा में रेड अलर्ट, कुल्लू-मंडी के लिए ऑरेंज और ऊना, हमीरपुर व बिलासपुर में येलो अलर्ट जारी किया है।

राजधानी और हाइवे पर संकट

शिमला में रविवार रात से लगातार बारिश जारी है। टूटीकंडी क्षेत्र में भूस्खलन से बहुमंजिला इमारत खतरे की जद में आ गई है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे और किरतपुर-मनाली फोरलेन कई घंटों तक बाधित रहे। मरोतन में भूस्खलन से दो गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। मंडी में किरतपुर-मनाली हाईवे बंद होने से हनोगी और रैंसनाला टनल में करीब 300 वाहन रातभर फंसे रहे।

गांवों में नुकसान और विरोध

सुंदरनगर, सराज और चंबा के कई इलाकों में मकान व गोशालाएं ढह गईं। जमीन धंसने से कई परिवारों को घर खाली करने पड़े। चंबा-भरमौर मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं ने मदद न मिलने पर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की।

चार श्रद्धालुओं की मौत

मणिमहेश यात्रा के दौरान पंजाब के सुजानपुर के अमन (18), रोहित (18) और गुरदासपुर निवासी अनमोल (26) की मौत हो गई। एक अन्य की पहचान नहीं हो पाई है। प्रशासन ने सभी रास्तों से श्रद्धालुओं को रोकने और फंसे यात्रियों के लिए भोजन-रुकने की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं।

बाढ़ जैसे हालात

कुल्लू के शास्त्रीनगर में दुकानों में पानी घुस गया, भुंतर के खोखन नाले में बाढ़ आने से सड़क पर मलबा भर गया। ब्यास, पार्वती और तीर्थन नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए। ऊना में भी कई मकानों और स्कूलों में मलबा घुस गया।

लगातार तबाही का सिलसिला

कांगड़ा एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। भूस्खलन से कई गोशालाएं दब गईं और मवेशी मारे गए। कई गांवों में घरों में पानी घुस गया और पुल टूटने से यातायात बाधित हुआ। बीते 24 घंटे में कांगड़ा में 19 घरों और पांच गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है।

दो दिन में 145 मकान ढहे

बीते 48 घंटों में प्रदेश में 47 पक्के और 98 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 79 दुकानें और 91 गोशालाएं भी ढह गईं। मानसून सीजन में अब तक 2394 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। 20 जून से अब तक 306 लोगों की जान जा चुकी है, 367 घायल हुए हैं और 38 अभी भी लापता हैं।

24 घंटे में भारी बारिश का आंकड़ा (एमएम में)

काहू – 190.5
जोत – 159.2
बरठीं – 156.4
धर्मशाला – 149
नयना देवी – 148.4
घाघस – 148
बिलासपुर – 140.8
भटियात – 140.2
अंब – 111
बंगाणा – 104
नादौन – 94
स्लापड़ – 90.6
कसौली – 85

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