ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में निक्की भाटी हत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस को अहम जानकारी मिली है। आरोपी विपिन भाटी के घर में आठ सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जिनमें से चार बाहर और चार दोमंजिला मकान के अंदर लगाए गए थे। लेकिन घटना के समय सभी कैमरे बंद पाए गए।
21 अगस्त की शाम फोर्टिस अस्पताल से पुलिस को एक मेमो मिला था, जिसमें निक्की को वहां लाने वालों ने सिलिंडर फटने से झुलसने की बात लिखवाई थी। इसके बाद पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां रात करीब 10 बजे उसकी मौत हो गई। अगले दिन सुबह सिरसा गांव में उसका अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें आरोपी पक्ष के लोग भी शामिल रहे।
22 अगस्त की दोपहर निक्की की बहन कंचन ने पति विपिन, ससुर सतवीर, सास दयावती और जेठ रोहित के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। शिकायत दर्ज होते ही आरोपी घर छोड़कर फरार हो गए।
पुलिस जांच में सामने आया कि घटनास्थल से सिलिंडर विस्फोट का कोई सबूत नहीं मिला। मौके से केवल थिनर की खाली बोतल और एक लाइटर बरामद हुआ, जिसे फॉरेंसिक टीम ने कब्जे में लिया है। जांच अधिकारियों का मानना है कि घटना से पहले दंपती के बीच विवाद हुआ था, जिसके चलते दोनों में से कोई एक फर्श पर सो रहा था।
निक्की और विपिन की शादी को सात साल से अधिक हो चुके थे। पुलिस रिकॉर्ड में दहेज उत्पीड़न या मारपीट की कोई पूर्व शिकायत दर्ज नहीं है। हालांकि पीड़िता की बहन का दावा है कि फरवरी में विपिन और सास द्वारा मारपीट का एक वीडियो सामने आया था। वहीं, सोशल मीडिया पर विपिन की एक युवती संग फोटो भी वायरल हुई है, जिसकी समयावधि का मिलान पुलिस कर रही है।
इस मामले में निक्की की भाभी ने उसके मायके पक्ष पर भी दहेज प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं, जिन्हें निक्की का भाई निराधार बता रहा है। उधर, निक्की के पिता का आरोप है कि ससुराल पक्ष 35 लाख रुपये की मांग कर रहा था और इसी वजह से उनकी बेटी को जिंदा जलाया गया।
पुलिस ने पति विपिन को पहले ही जेल भेज दिया था। अब फरार चल रहे ससुर सतवीर और जेठ रोहित को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।