कन्नौज में 30 साल पुराने हत्या मामले में ईसी एक्ट कोर्ट ने माफिया अनुपम दुबे और उसके साथी बालकिशन उर्फ शिशु को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। दोनों पर 1.03 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न चुकाने पर एक साल अतिरिक्त कैद का प्रावधान है।
मामला 26 जुलाई 1995 का है, जब नसीम ने अपने भाई शमीम ठेकेदार की फतेहगढ़ के बजरिया अलीगंज के पास गोली मारकर हत्या किए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रारंभिक जांच फतेहगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक इंद्रजीत सिंह चौहान ने की थी। बाद में मामला 13 सितंबर को सीबीसीआईडी को सौंपा गया।
सीबीसीआईडी ने जांच के बाद अन्य आरोपियों में से राजेंद्र कुमार उर्फ राजू लंगड़ा को बरी कर दिया। जबकि अनुपम दुबे, बालकिशन, कौशल किशोर और लक्ष्मीनारायण के खिलाफ हत्या का आरोप पत्र दाखिल किया गया। जांच के दौरान कौशल किशोर और लक्ष्मीनारायण की मौत हो गई।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सुदेश प्रताप, तेज सिंह राजपूत, हरिनाथ सिंह, अभिषेक सक्सेना और श्रवण कुमार ने दलीलें पेश कीं। विशेष न्यायाधीश तरुण कुमार सिंह ने सभी साक्ष्यों और गवाहों की दलीलों के आधार पर दोषियों को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई।
सुनवाई के दौरान सुरक्षा कड़ी की गई थी। कचहरी परिसर को छावनी में तब्दील कर आठ थानों की फोर्स और तीन सीओ तैनात किए गए। एएसपी डॉ. संजय कुमार ने सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और ड्रोन कैमरों से पूरी गतिविधियों पर निगरानी रखी गई।