अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से कुछ उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लागू करने के बावजूद भारत और अमेरिका के बीच बातचीत के सभी रास्ते खुले हैं। सूत्रों का कहना है कि भारतीय निर्यात की विविधता को देखते हुए इस टैरिफ का असर उतना गंभीर नहीं होगा, जितनी आशंका जताई जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि यह केवल दीर्घकालिक संबंधों में एक अस्थायी चरण है और निर्यातकों को घबराने की जरूरत नहीं है। 50 फीसदी टैरिफ का यह चरण बुधवार से लागू हुआ, जबकि 25 फीसदी टैरिफ पहले ही सात अगस्त से लागू किया जा चुका था। अमेरिकी प्रशासन ने रूस से तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क आज से लागू कर दिया है। इस आदेश का लक्ष्य विशेष रूप से भारत है और इसमें चीन का कोई जिक्र नहीं है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच संचार चैनल सक्रिय हैं और मुद्दे को हल करने के प्रयास लगातार जारी रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार वार्ता में कुछ “रेड लाइन्स” स्पष्ट हैं। भारत ने पहले ही यह संकेत दिया है कि किसानों, मछुआरों और छोटी इकाइयों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर कोई समझौता नहीं होगा।
भारत और अमेरिका मार्च से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहे हैं। अब तक पांच दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है, लेकिन अगले दौर के लिए अमेरिकी टीम की भारत यात्रा 25 अगस्त से स्थगित कर दी गई है।