उत्तरकाशी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को स्यानाचट्टी क्षेत्र का दौरा कर आपदा प्रभावित इलाकों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने यमुना नदी में मलबा जमा होने से बनी अस्थायी झील को खोलने के लिए चल रहे प्रयासों की समीक्षा की और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नदी में जमी गाद को तुरंत हटाया जाए और झील के मुहाने को चौड़ा कर पानी की तेज निकासी सुनिश्चित की जाए। 21 अगस्त को भारी वर्षा के बाद गढ़गाड़ नाले से आए मलबे के कारण यह झील बनी थी, जिससे करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा। दर्जनों घरों और होटलों में पानी भर गया, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग का पुल आंशिक रूप से जलमग्न हो गया।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग की टीमें लगातार अवरोध हटाने के काम में लगी हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी प्रशांत आर्य को निर्देश दिया कि प्रभावितों के नुकसान का तुरंत आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाए और किसानों की आलू फसल उचित मूल्य पर खरीदी जाए। साथ ही, भूस्खलन से बाधित मार्गों को शीघ्र बहाल कर यमुनोत्री यात्रा दोबारा शुरू करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और नुकसान की भरपाई के लिए शीघ्र राहत उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि सितंबर में बारिश कम होने पर सड़क चौड़ीकरण से जुड़ी एजेंसी को भी मलबा हटाकर उसका उपयोग निर्माण कार्य में करने के निर्देश दिए जाएंगे।
धामी ने कहा कि राज्य हर साल प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है। इस बार भी धराली, थराली और पौड़ी समेत कई क्षेत्रों में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि सरकार ने भूस्खलन और भूगर्भीय दरारों के कारणों की पड़ताल के लिए विस्तृत भूगर्भीय अध्ययन कराने का निर्णय लिया है।