मुजफ्फरनगर। भारत सरकार की श्रेणी-बी में शामिल उर्वरक निर्माता कंपनी मैसर्स अवध फर्टिलाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड, मिहीपुरवा, बहराइच द्वारा मुजफ्फरनगर की पीताम्बर ट्रेडर्स और अन्य कंपनियों से रॉ मटेरियल (रॉक फॉस्फेट और सिंगल सुपर फॉस्फेट) खरीदा जाता था। कंपनी के प्रबंध निदेशक और अन्य कर्मचारियों ने वर्ष 1998 से 2000 के बीच कच्चे माल की बिक्री में फर्जी दस्तावेज बनाकर विक्रेता फर्मों के साथ मिलकर खाद पर मिलने वाली सब्सिडी लगभग 1.28 करोड़ रुपये का गबन किया।
विशेष अनुसंधान शाखा (कृषि), जनपद लखनऊ ने इस मामले की अनियमितताओं की जांच के बाद थाना मोतीपुर, बहराइच में रिपोर्ट दर्ज कराई। शासन के निर्देश पर वर्ष 2006 में यह मामला ईओडब्ल्यू को सौंपा गया। जांच में 11 आरोपी दोषी पाए गए, जिनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई थी।
पुलिस महानिदेशक ईओडब्ल्यू लखनऊ के आदेश पर मंगलवार को टीम ने पीताम्बर ट्रेडर्स के व्यवस्थापक और वांछित आरोपी मनमोहन कुमार भरतिया, निवासी घेरखेत्ती, नई मंडी को गिरफ्तार किया।