हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने के लिए फिलहाल किसी नीति पर विचार नहीं किया जा रहा है। झंडूता के विधायक जीत राम कटवाल के प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश के विभिन्न विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में आउटसोर्स आधार पर कई पद भरे गए हैं। इनमें 49 तकनीकी, 61 गैर-तकनीकी और अन्य श्रेणियों के 110 पद शामिल हैं।
कृणात्मक नौकरियों के मामले लंबित
प्रदेश में कुल 1,609 कृणात्मक नौकरी से जुड़े मामले लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायकों जीत राम कटवाल, विपिन सिंह परमार और पवन कुमार काजल के सवालों का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि बीते तीन वर्षों में जल शक्ति विभाग में 544, लोक निर्माण विभाग में 264, उच्च शिक्षा विभाग में 172, गृह विभाग में 146 और प्राथमिक शिक्षा विभाग में 89 मामले लंबित हैं। 30 नवंबर 2023 तक कुल 180 नियुक्तियां की गईं, जिनमें जल शक्ति विभाग में 108 और लोक निर्माण विभाग में 48 नियुक्तियां शामिल हैं।
बोर्ड और निगमों में पदों में कटौती
धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के बोर्ड और निगमों में तीन संस्थाओं में कुल 417 पद समाप्त किए गए हैं। इनमें नगर निगम शिमला में 52, औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड में 28 और राज्य विद्युत बोर्ड में 337 पद शामिल हैं। विद्युत बोर्ड में कुल 24,866 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 10,375 पद फिलहाल खाली हैं।
मल्टी टास्क वर्करों की संख्या और नियमितीकरण
नाचन के विधायक विनोद कुमार के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न विभागों में कुल 11,577 मल्टी टास्क वर्कर कार्यरत हैं। इनमें 6,745 शिक्षा निदेशालय, 4,831 लोक निर्माण विभाग और 1 खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों को नियमित करने के लिए अभी तक कोई एकल नीति नहीं बनाई गई है।