संभल हिंसा जांच रिपोर्ट: सपा सांसद बर्क के भाषण के बाद तनावपूर्ण स्थिति

संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। लगभग 450 पन्नों की इस रिपोर्ट में हिंसा के कारणों, संभल में दंगों के इतिहास, हिंदू आबादी में गिरावट, धार्मिक स्थलों पर हमलों और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों का विस्तृत विवरण शामिल है। जांच में यह भी सामने आया कि संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के उत्तेजक भाषण के बाद तुर्क और पठान समुदाय के बीच हिंसा भड़क गई थी।

रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि सपा सांसद बर्क, विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल और जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने मिलकर हिंसा की पूर्वनियोजित साजिश रची थी। इसमें नमाजियों को भड़काना, उपद्रवियों को बुलाना और विदेशी हथियारों का इस्तेमाल करना शामिल था। हरिहर मंदिर में सर्वे की जानकारी लीक होने के बाद इसे मौके के तौर पर भुनाकर साजिश को अंजाम दिया गया ताकि हिंदुओं पर दोष मढ़ा जा सके। सूत्रों के अनुसार, 22 नवंबर 2024 को बर्क ने जामा मस्जिद से कहा था कि “हम इस देश के मालिक हैं, नौकर और गुलाम नहीं।”

इस बयान के बाद तुर्क समुदाय ने कंवर्टेड हिंदू पठानों को अपना नौकर और गुलाम मानते हुए विवाद भड़काया। 24 नवंबर को दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और क्रॉस फायरिंग में चार लोग मारे गए। हालांकि हरिहर मंदिर प्रकरण और पुलिस की कड़ी सतर्कता के कारण हिंदू मोहल्ले सुरक्षित रहे।

रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि संभल निवासी शारिक साठा का गिरोह, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ जुड़ा था, दंगों में सक्रिय था। हिंसा में कई विदेशी हथियार भी इस्तेमाल किए गए, जिन पर ‘Made in USA’ अंकित था। इससे साबित होता है कि यह हिंसा केवल स्थानीय राजनीति का परिणाम नहीं थी, बल्कि इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क भी शामिल था।

संभल हिंसा के बाद राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देवेंद्र नाथ अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था, जिसमें सेवानिवृत्त डीजीपी ए.के. जैन और सेवानिवृत्त आईएएस अमित मोहन प्रसाद सदस्य थे। आयोग ने करीब नौ महीने की जांच में संभल का तीन बार दौरा किया और सैकड़ों साक्ष्य तथा गवाहों के बयान जुटाए। इसके अलावा सांसद और कई अन्य आरोपियों, साथ ही संभल के डीएम-एसपी को तलब कर उनके बयान दर्ज किए गए।

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