पंजाब में दशकों बाद आई भीषण बाढ़ ने अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और कपूरथला सहित कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। बुधवार को हुई तेज बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के कारण रावी, सतलुज और ब्यास समेत सभी नदियां और नहरें उफान पर आ गईं। नतीजतन, सैकड़ों गांव और लाखों एकड़ भूमि जलमग्न हो गए। हालात बिगड़ने पर लोग घर-बार छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं।
बचाव कार्य के लिए सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस लगातार जुटी हुई है। हेलिकॉप्टर और विशेष वाहनों की मदद से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। कई लोग नहरों और खड्डों में बहने से अपनी जान गंवा चुके हैं। पठानकोट में एक ही परिवार के चार सदस्य पानी में बह गए थे, जिनमें से 9 वर्षीय बच्ची का शव मिल गया जबकि बाकी तीन लापता हैं। खडूर साहिब में भी गुरुवार को दो लोगों की मौत हो गई।
5290 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
अब तक बाढ़ प्रभावित जिलों से 5290 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इसमें गुरदासपुर से 2000, अमृतसर से 710, फिरोजपुर से 2000, कपूरथला से 480 और फाजिल्का से 100 लोग शामिल हैं। केवल फिरोजपुर में ही 65 गांव प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने 13 राहत शिविर स्थापित किए हैं और ड्रोन की मदद से प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
पौंग बांध में रिकॉर्ड पानी का इनफ्लो
पौंग बांध में पानी का स्तर अब तक का सबसे ऊंचा दर्ज किया गया है। जुलाई-अगस्त में 9.68 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी आया है, जबकि 1988 में यह 7.70 बीसीएम और 2023 में 9.19 बीसीएम था। गुरुवार को भाखड़ा बांध का जलस्तर 1672 फीट और पौंग बांध का 1393 फीट पहुंच गया, जो खतरे के निशान से ऊपर है। भाखड़ा डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है ताकि दबाव कम किया जा सके।
सेना ने उतारे विशेष वाहन और हेलिकॉप्टर
अमृतसर और सुल्तानपुर लोधी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना ने स्पेशल मोबिलिटी व्हीकल (एटीओआर एन-1200) तैनात किए हैं। इसके अलावा, रुद्र और चिनूक हेलिकॉप्टर भी राहत कार्य में लगे हैं। गुरदासपुर के लांसियां गांव में चीता हेलिकॉप्टर ने जोखिम भरे ऑपरेशन में 27 लोगों को सुरक्षित निकाला। वहीं, फिरोजपुर के सीमावर्ती गांव झुग्गे लाल सिंह में बचाव कार्य के दौरान नाव पलट गई, लेकिन सभी लोगों को जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया।