केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में विपक्षी गठबंधन की एक सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की। शाह ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेताओं ने अपनी “घुसपैठिया बचाओ यात्रा” के मंच से जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वह बेहद निंदनीय है और लोकतांत्रिक राजनीति की गरिमा को आहत करता है।
शाह ने कहा, “दो दिन पहले जो हुआ, उससे पूरे देश की भावनाएं आहत हुई हैं। प्रधानमंत्री मोदी की माताजी ने सादगी और संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए अपने बेटे को संस्कार दिए और देश का नेतृत्व करने योग्य बनाया। ऐसे गरिमापूर्ण जीवन के लिए अपमानजनक शब्द कहना भारत की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। यह राजनीति का सबसे निचला स्तर है और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि अगर उनमें जरा भी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बची है, तो उन्हें प्रधानमंत्री मोदी, उनकी दिवंगत माताजी और देश की जनता से सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगनी चाहिए। ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दें।”
बिहार में विवाद, भाजपा ने दर्ज कराई FIR
दरअसल, राहुल गांधी की “मतदाता अधिकार यात्रा” के दौरान कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पीएम मोदी और उनकी मां के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणी किए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया। इस मामले को लेकर भाजपा ने पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है और कांग्रेस से आधिकारिक माफी की मांग की है।
असम दौरे में कई उद्घाटन
बिहार पर टिप्पणी करने के बाद अमित शाह असम के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने राजभवन के नए ब्रह्मपुत्र विंग का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने 45 करोड़ रुपये की लागत से डेरगांव स्थित लचित बरफुकन पुलिस अकादमी में स्थापित राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला-उत्तर पूर्व का भी वर्चुअल उद्घाटन किया।
गृह मंत्री ने आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स की कई परियोजनाओं जैसे आवास परिसर, बैरक और अस्पतालों का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया।
पूजा-अर्चना और गौ पूजन
इससे पहले उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राजभवन परिसर स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना की, गौ पूजन किया और सिंदूर का पौधा लगाया। इस अवसर पर राज्यपाल लक्ष्मी प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनका स्वागत किया।