मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को मुंबई के आजाद मैदान में एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू कर दी। वह जालना जिले से अपने समर्थकों के साथ पदयात्रा करते हुए राजधानी पहुंचे। रास्ते में वाशी में उनका भव्य स्वागत किया गया। इससे पहले जालना पुलिस ने 40 शर्तों के साथ मार्च की अनुमति दी थी, वहीं मुंबई पुलिस ने आजाद मैदान में सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाज़त दी है।
आजाद मैदान में भीड़ नियंत्रित रखने के लिए पुलिस ने तय किया है कि केवल पांच वाहन ही अंदर जा सकेंगे और प्रदर्शनकारियों की संख्या पांच हज़ार से अधिक नहीं होगी। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 1500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। भीड़ को देखते हुए रेलवे पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है।
इस आंदोलन में शामिल नांदेड़ के किसान मारुति पाटिल ने सरकार पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यदि मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं दिया जा सकता तो सरकार को उनके जीवन का अंत कर देना चाहिए। कई समर्थकों ने उनके तेवर का समर्थन किया और साफ कहा कि आरक्षण की मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
आजाद मैदान पहुंचे हजारों समर्थकों में से कई लोग फुटपाथ, पेड़ों के नीचे और रेलवे स्टेशन पर ठहरने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रशासन पर यह आरोप लगाया कि आंदोलनकारियों के लिए अस्थायी व्यवस्था तक नहीं की गई।
बीड जिले के परली के उद्धव निंबालकर ने भी सरकार को चेतावनी दी कि यदि मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे में आरक्षण नहीं दिया गया तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर टालमटोल नहीं करनी चाहिए, वरना स्थिति और बिगड़ सकती है।