घटती प्रजनन दर पर बोले मोहन भागवत, कहाये हर घर में हों तीन बच्चे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में कहा कि परिवारों को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने चाहिए। उनका यह बयान भारत की बदलती जनसंख्या स्थिति से जुड़ा माना जा रहा है।

भारत की कुल आबादी आज 1.46 अरब है, लेकिन देश की औसत प्रजनन दर 2.1 से घटकर 1.9 तक आ गई है। इसका मतलब यह है कि एक महिला अपने प्रजनन काल (आमतौर पर 15 से 49 वर्ष की उम्र) में औसतन दो से भी कम बच्चों को जन्म दे रही है। जबकि 1880 से 1970 के बीच भारतीय महिलाएं औसतन 5.7 से 6 बच्चों तक को जन्म देती थीं। वर्तमान दर से अगली पीढ़ी में आबादी का आकार स्थिर बनाए रखना मुश्किल होता जा रहा है।

फिर भी भारत की युवा जनसंख्या दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। देश की 24% आबादी 0-14 वर्ष के बीच है, 17% आबादी 10-19 वर्ष की उम्र में है और 26% लोग 10-24 आयु वर्ग में आते हैं। वहीं, 15 से 64 वर्ष के आयु वर्ग में 68% आबादी आती है, जबकि वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष या उससे अधिक) 7% हैं।

दुनिया में घटती प्रजनन दर और प्रोत्साहन योजनाएँ
भारत ही नहीं, दुनिया के कई देश जन्म दर में गिरावट से जूझ रहे हैं। 13 देशों में तो स्थिति इतनी गंभीर है कि वहां सरकारें बच्चों के जन्म पर सीधे नकद प्रोत्साहन और टैक्स में छूट तक दे रही हैं।

  • चीन: 2025 से जन्मे हर बच्चे पर माता-पिता को सालाना 3,600 युआन (लगभग ₹41,000) मिलेंगे। साथ ही टैक्स छूट और पिता को 25 दिन की पेड लीव जैसी सुविधाएँ भी दी जा रही हैं।
  • ताइवान: IVF (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) से बच्चे पैदा करने पर सरकार लगभग ₹6 लाख तक की सब्सिडी दे रही है।
  • जापान: हर बच्चे के जन्म पर लगभग ₹2.5 लाख की सहायता दी जाती है, जिसे बढ़ाकर ₹3 लाख करने की योजना है। इसके अलावा नवविवाहित जोड़ों को मकान बसाने के लिए अलग से आर्थिक मदद भी मिलती है।
  • दक्षिण कोरिया: सियोल सहित कई शहरों में बच्चे के जन्म पर लगभग ₹1.25 लाख नकद और मासिक बोनस भी दिए जाते हैं।
  • सिंगापुर: ‘बेबी बोनस स्कीम’ के तहत हर बच्चे पर 1,500 डॉलर (करीब ₹1.25 लाख) कैश और शिक्षा बचत योजना का लाभ मिलता है।
  • हंगरी: यहां परिवारों को बच्चों की संख्या के आधार पर मासिक सब्सिडी और महिलाओं को ब्याजमुक्त लोन तक मिलता है।
  • इटली: हाल ही में ‘बेबी बोनस’ योजना शुरू की गई है, जिसके तहत हर नवजात पर €1,000 (करीब ₹91,000) दिए जाएंगे।
  • फ्रांस: दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों को हर महीने €130-500 (₹11,000 से ₹45,000) तक भत्ता और टैक्स छूट मिलती है।
  • जर्मनी: हर बच्चे के लिए माता-पिता को €250 (करीब ₹22,000) मासिक भत्ता दिया जाता है।
  • रूस: दूसरे बच्चे के जन्म पर लगभग ₹6 लाख की आर्थिक मदद दी जाती है।
  • पोलैंड: ‘500+ प्रोग्राम’ के तहत हर बच्चे पर 500 PLN (करीब ₹10,000) प्रतिमाह दिया जाता है।
  • कनाडा: ‘कनाडा चाइल्ड बेनिफिट’ योजना के तहत 18 साल से छोटे बच्चों पर मासिक सहायता दी जाती है, जो परिवार की आय और बच्चों की संख्या पर निर्भर है।
  • ऑस्ट्रेलिया: यहां टैक्स में छूट और ‘चाइल्ड केयर सब्सिडी’ के जरिए परिवारों को आर्थिक सहारा दिया जाता है।

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