प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार दोपहर जापान में कहा कि भारत और चीन के बीच मजबूत और सौहार्दपूर्ण संबंध क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने में मदद करेंगे।
पीएम मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, जिसका उद्देश्य दिल्ली और टोक्यो के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करना है। इस दौरान वे चार प्रमुख कारखानों का दौरा करेंगे, जिनमें से एक ई10 शिंकानसेन बुलेट ट्रेन का प्रोटोटाइप तैयार कर रहा है, जिसे भारत खरीदने का इच्छुक है। इसके अलावा रक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और उद्योग के क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
पीएम मोदी ने जापानी मीडिया से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग के निमंत्रण पर वे शीघ्र ही चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली एससीओ बैठक में रूस के कजान में शी चिनफिंग से हुई मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंधों में स्थिर और सकारात्मक प्रगति हुई है।
प्रधानमंत्री ने बताया, “भारत और चीन, जो पृथ्वी के दो सबसे बड़े राष्ट्र हैं, के बीच पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए भी अहम हैं। यह बहुध्रुवीय एशिया और विश्व में संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।”
शंघाई सहयोग संगठन का यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत यूक्रेन और गाजा में युद्ध, तथा अमेरिकी 50 प्रतिशत टैरिफ के चलते वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिका के इस कदम से भारत-चीन सैन्य तनाव में कमी आई है, क्योंकि दोनों एशियाई देश संभावित आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए अपने संबंधों को पुनर्संतुलित कर रहे हैं।