स्थानीय निकायों की लेखा परीक्षण कराने की परंपरा ब्रिटिश काल में थी, अब भी है। स्थानीय निकाय लेखा परीक्षण निदेशालय, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) उत्तर प्रदेश के प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, म्युनिसिपल बोर्ड, टाउन एरिया के आय-व्यय, टैक्सेशन, संपत्ति का ऑडिट कराता आया है ताकि स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति व सही-गलत कामकाज को परखा जाए और आवश्यक सुधार लाया जाए। जब जिला पंचायत को डिस्ट्रिक्ट बोर्ड और नगर पालिका परिषद को म्युनिसिपल बोर्ड कहा जाता था, तब महालेखा परीक्षक कार्यालय से ऑडिट रिपोर्ट की प्रकाशित प्रति स्थानीय समाचारपत्रों को भी भेजी जाती थी, ताकि शहर के करदाताओं को पता चले कि उनके द्वारा चुनी गई स्थानीय स्वायतशाती इकाइयां कैसा काम कर रही हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होता। स्थानीय समाचार पत्रों को ऑडिट रिपोर्ट भेजने की परंपरा खत्म कर दी गई है।
खोजी पत्रकार फिर भी कुछ असलियत सामने ले आते हैं। मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद की सात विशेष पत्रावलियां और पालिका अचल संपत्ति, अवैध कब्जौ, दुकानों के किराये संबंधी दस्तावेज पालिका कार्यालय से गायब हैं। विशेष ऑडिट करने के समय इस चोरी या घपले का पता चला। इन पत्रावली में गाजीवाला मौहल्ले के तालाब व 25 बीघा पालिका की जमीन वाली पत्रावली भी शामिल है।
यह प्रशासन या सरकारी कार्यप्रणाली की एक खास व्यवस्था है कि जिन फाइलों या दस्तावेजों में संपत्ति या पैसों के लेनदेन का पेंच फंसा हो, उन पत्रावलियों को चूहे कुतर देते हैं, या अग्निकांड में नष्ट हो जाती हैं अथवा चोरी हो जाती हैं। जब कौशलराज शर्मा मुजफ्फरनगर के जिला अधिकारी थे तब तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व ने शुक्रताल में करोड़ों रुपये का भूमि घोटाला पकड़ा था। शुक्रताल का तब का लेखपाल जेल भी काट आया, रिटायर भी हो गया, एडीएम साहब तो मुजफ्फरनगर से ही सेवानिवृत हो गये थे। जिला अधिकारी महोदय स्थानांतरित हो गये। बाद में मुहाफिज़ खाने में रहस्यमय ढंग से आग लग गई और शुक्रताल संबंधी भूलेख तथा अन्य दस्तावेज फूंक गए। इस तरह शुक्रताल के भूमि घोटालों का पटाक्षेप हो गया।
मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने कहा है कि पत्रावली गायब होने के संबंध में कार्यवाही चल रही है। इस कार्यवाही का परिणाम शीघ्र सामने आना चाहिये। यह देखा गया है कि अधिकारियों के स्थानान्तरण के पश्चात मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’