उत्तर भारत से लेकर दक्षिण तक कई राज्य इन दिनों मूसलाधार बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे हैं। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में नदियाँ उफान पर हैं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी गंगा और वरुणा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके डूब गए हैं।
उत्तराखंड में भारी तबाही
चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों में बारिश और भूस्खलन ने भारी नुकसान पहुंचाया है। चमोली के मोपाटा में भूस्खलन से एक दंपती की मौत हो गई, जबकि दूसरा दंपती घायल है। बागेश्वर के पौसारी गांव में मलबे में दबकर दो महिलाओं की मौत हो गई और तीन लोग लापता हैं। रुद्रप्रयाग में उफान पर आए नालों से एक महिला की मौत हो गई और आठ लोग लापता हैं। कई गांवों में मकान, गोशालाएँ और सड़कें बह गईं। अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर बढ़ने से बदरीनाथ हाईवे बाधित है। टिहरी के गेंवाली गांव में भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। प्रशासन ने अब तक 200 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत-बचाव कार्य तेज करने और प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
जम्मू-कश्मीर में चौथे दिन बंद रहा नेशनल हाईवे
लगातार बारिश से उधमपुर-रामबन के बीच कई जगह भूस्खलन हुआ है। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे चौथे दिन भी बंद रहा, जिससे 2,000 से ज्यादा वाहन फंसे हैं। जम्मू, सांबा, कठुआ और उधमपुर के कई गांवों का संपर्क टूटा हुआ है। श्री माता वैष्णो देवी ट्रैक पर भूस्खलन की जांच के लिए उपराज्यपाल ने तीन सदस्यीय समिति बनाई है, जो दो सप्ताह में रिपोर्ट देगी।
पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी खतरे के निशान पर
पंजाब के कई जिलों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। कांग्रेस विधायक दल ने राहत कोष में एक महीने का वेतन देने का ऐलान किया है। इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी कैबिनेट भी यह कदम उठा चुकी है।
महाराष्ट्र में स्कूल बंद, सेना बुलाई गई
लातूर और नांदेड़ में भारी बारिश से हालात बिगड़े हैं। प्रशासन ने स्कूल बंद कर दिए और राहत-बचाव कार्यों के लिए सेना को लगाया गया है। नदियों और नालों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर है। कई सड़कें और पुल बंद कर दिए गए हैं। मुंबई के अंधेरी इलाके में रिटेनिंग वॉल गिरने से एक महिला की मौत हो गई।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नदियाँ उफान पर
गोदावरी और कृष्णा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। भद्राचलम, कुनावरम और पोलावरम में खतरे की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
वाराणसी में गंगा-वरुणा का कहर
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा और वरुणा नदियों के उफान से बाढ़ का संकट गहरा गया है। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर पहुंच गया है। घाट जलमग्न हैं और शवदाह अब छतों व गलियों में किया जा रहा है। गंगा आरती सांकेतिक रूप से हो रही है।