चीन में चल रहे SCO समिट का आज दूसरा दिन है। इस दौरान नेताओं की बैठकें और संबोधन हो रहे हैं। समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक मंच पर मौजूद हैं। तीनों नेताओं की मुलाकात के बाद द्विपक्षीय बैठकें भी हो रही हैं। तियानजिन में पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात विशेष ध्यान का केंद्र है, क्योंकि अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा रखा है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पुष्टि की कि पीएम मोदी एससीओ के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे, जिसमें भारत के क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण को रेखांकित किया जाएगा। इसके बाद उनकी पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी, जिसके बाद वे भारत के लिए रवाना होंगे।
सुबह 10 बजे होने वाली पीएम मोदी-पुतिन बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका ने रूस से तेल पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन भारत ने रूस से लगातार तेल खरीदना जारी रखा। यही कारण है कि इस बैठक पर अमेरिका की नजरें लगी हुई हैं।
तीनों देशों—भारत, रूस और चीन—की इस बैठक में तेल और ऊर्जा आपूर्ति को लेकर वैश्विक दृष्टिकोण सामने आ सकता है। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसकी विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं होगा और वह रूस से तेल खरीद जारी रखेगा। विश्लेषकों का कहना है कि भारत की यह नीति वैश्विक तेल संकट को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।