हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रविवार से जारी मूसलाधार बारिश के कारण मंगलवार सुबह तक छह राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 1311 सड़कें बंद रहीं। 3263 ट्रांसफार्मर ठप होने और 858 पेयजल योजनाएं प्रभावित होने से सैकड़ों गांवों में बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित है। भूस्खलन की चपेट में आने से दो महिलाओं की मौत हो गई।
कुल्लू और सोलन में हादसे
कसौली क्षेत्र के समलोह गांव में सोमवार रात मकान ढहने से हेमलता (40) की मौत हो गई। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 20 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता दी है। वहीं, कुल्लू जिले के आनी बस स्टैंड पर दो मंजिला मकान जमींदोज हो गया। यह मकान 2022 की आपदा से बचा रहा था, लेकिन इस बार भारी बारिश में ढह गया।
भारी बारिश से स्कूल बंद, अलर्ट जारी
मौसम विभाग की चेतावनी पर राज्य के 12 जिलों में आज स्कूल बंद रखे गए हैं। शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षाएं लेने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने कांगड़ा, चंबा और कुल्लू में रेड अलर्ट, जबकि कई जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि 8 सितंबर तक राज्य में बारिश का दौर जारी रहेगा।
चंबा और मंडी में हालात बिगड़े
चंबा जिले में 239 सड़कें और 100 जल योजनाएं ठप हैं, जिससे ग्रामीणों को पैदल सफर करना पड़ रहा है। मंडी के पड्डल वार्ड में भूस्खलन से आधा दर्जन घर खतरे की जद में आ गए, जिन्हें खाली करवाया गया है।
नुकसान का आंकड़ा और मौतें
मॉनसून सीजन में अब तक 327 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 385 लोग घायल हुए और 41 लापता हैं। बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से 4600 से अधिक मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। 3813 गोशालाएं ध्वस्त हुईं और करीब 1900 पालतू जानवरों की मौत हुई है।
अन्य घटनाएं
- मनाली-लेह हाईवे बंद होने से 250 वाहन फंसे।
- कालका-शिमला हाइवे पर सनवारा और कई अन्य जगहों पर भूस्खलन से यातायात अवरुद्ध।
- ऊना, सोलन और शिमला में कई घरों और पुलों को खतरा।
- ओल्ड मनाली का मनालसु नाला फिर उफान पर, टेंपो ट्रैवलर पानी में फंसा।
लगातार हो रही बारिश ने प्रदेश की सड़कों और बुनियादी ढांचे को गहरी चोट पहुंचाई है। प्रशासन और राहत टीमें बचाव कार्यों में जुटी हैं, लेकिन हालात सामान्य होने में समय लग सकता है।