उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के सिंदरवाणी गांव के लोग लगातार भूस्खलन और घरों में दरारों के कारण दहशत में जी रहे हैं। लगातार मूसलाधार बारिश से गांव के ऊपर से लैंडस्लाइड और नीचे से जमीन धंसने की घटनाएं हो रही हैं। जनपद का यह गांव अगस्त्यमुनी विकास खंड में स्थित है।
2013 की आपदा के दौरान गांव के कुछ हिस्सों में दरारें देखी गई थीं, जिसमें चार-पांच परिवार प्रभावित हुए थे। लेकिन इस बार हालात और गंभीर हैं। पूरे गांव के घर, खेत, स्कूल और गौशालाओं में दरारें पाई जा रही हैं। कई इमारतें छतिग्रस्त हो चुकी हैं और कभी भी गिरने का खतरा बना हुआ है।
ग्रामीणों की मदद की अपील
गांव के लोग प्रशासन से सुरक्षित स्थान पर विस्थापन की गुहार लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर कोई इस समय आपदा की मार झेल रहा है और उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं मिल रही है। उन्होंने प्रशासन से कहा कि उनका गांव सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए, ताकि वे अपना जीवन सुरक्षित रूप से जी सकें।
बारिश से बढ़ा खतरा
लगातार बारिश के कारण स्थिति भयावह बनी हुई है। लैंडस्लाइड के चलते गांव का एक बड़ा हिस्सा धंस चुका है और लोग अपनी जान बचाने के लिए प्रशासन से मदद की अपील कर रहे हैं। मौसम विभाग ने कुमाऊं मंडल में अगले 24 घंटे के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसमें चंपावत, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले शामिल हैं।
सड़कें बंद, यातायात प्रभावित
कुमाऊं मंडल में अब तक 58 सड़कों को बंद किया गया है। हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग डोलमार के पास, हल्द्वानी-अल्मोड़ा मार्ग क्वारब के पास और धारचूला से तवाघाट जाने वाली सड़क तीन जगह बंद हैं। कुमाऊं कमिश्नर ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जैसे ही बारिश रुकती है, बंद सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए। साथ ही उन्होंने गौला और शारदा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने के प्रति सतर्क रहने को कहा।