शंकराचार्य परिषद अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने बेसहारा बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी उठाने की पहल शुरू कर सरकार और सामाजिक कार्यों का ढोल पीटने वालों को आइना दिखाने का काम किया है। स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि हरिद्वार और उत्तराखंड ही नहीं, देशभर में कोविड से अपने माता-पिता खोने वाले बेसहारा बच्चों की परिषद परवरिश करेेगी।
बच्चों के रहने की उचित व्यवस्था के साथ उनको पढ़ाया भी जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मुहिम के लिए ‘आपका प्रयास, हमारा साथ, देश का भविष्य, सुरक्षित हाथ’ नारा दिया है। देश के अलग-अलग जिलों से 12 बेसहारा बच्चों के गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बेसहारा बच्चों को परिषद से जोड़ने के लिए चार टेलीफोन नंबर भी जारी किए हैं। कोई भी व्यक्ति नंबरों पर फोन कर बेसहारा बच्चों की जानकारी दे सकते हैं।
शंकराचार्य परिषद की सेविका मानसी के मुताबिक, संस्था की ओर से अभी आठ बेसहारा बच्चों की परवरिश की जा रही है। उनको शिक्षा दी जा रही है। कोविड काल में बेसहारा हुए बच्चों को चिह्नित कर उनसे संपर्क किया जा रहा है। 12 बच्चों की परवरिश की प्रक्रिया इस महीने तक पूरी हो जाएगी।