हरियाणा में भारी बारिश का कहर: अंबाला-भूना में घर जलमग्न, लाडवा तटबंध टूटा, ड्रेनों में दरार

हरियाणा में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदी-नाले उफान पर हैं और कई जिलों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। हिसार, सिरसा और झज्जर में ड्रेनों में दरारें पड़ गई हैं। घर, स्कूल और अस्पताल जलमग्न हैं, खेतों में फसलें पानी में डूब चुकी हैं। बारिश से चार जिलों में 30 मकान ढह गए या क्षतिग्रस्त हुए और आठ लोगों की मौत हो गई। नौ जिलों में स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं, जबकि पांच जिलों के करीब 200 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। सात जिलों में 1,71,665 एकड़ फसल पानी में डूब चुकी है।

फतेहाबाद के भूना क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति बनी है। 73 गांवों में जलभराव है और 600 घरों में पानी घुस गया है। हिसार के घिराय और कैमरी में घग्गर ड्रेन टूटने से लगभग 300 एकड़ फसल डूब गई। बहादुरगढ़ के मुंगेशपुर ड्रेन के टूटने से झाड़ौदा कलां स्थित कॉलोनियों में पानी भर गया। भिवानी जिले में लगभग 4,700 एकड़ फसल में जलभराव हुआ और कई सरकारी स्कूलों व स्वास्थ्य केंद्रों में भी पानी भर गया।

सोनीपत में यमुना नदी के पानी ने खेतों और घरों को प्रभावित किया। गन्नौर में तेज आंधी से 130 खंभे और 38 ट्रांसफॉर्मर गिर गए। रोहतक में 30,000 एकड़ से अधिक फसलें डूब गईं, जबकि सिरसा के चौपटा में घग्गर ड्रेन में दरार पड़ गई, जिसे ग्रामीणों ने नियंत्रित किया। कैथल जिले के छह गांवों में भी नदी का पानी घुसा।

कुरुक्षेत्र के ईस्माइलाबाद, मारकंडा और लाडवा में तटबंध टूटने से शहर और आसपास के गांवों में जलभराव हुआ। करनाल के 34 गांवों के खेतों में यमुना का पानी भर गया। झज्जर में 3,000 एकड़ फसल डूबी और नौ गांवों में जलभराव की स्थिति बनी। हिसार के 30 गांवों में पानी भरने से करीब 60,000 एकड़ फसल प्रभावित हुई।

फतेहाबाद और सिरसा में घग्गर नदी में उफान के बावजूद जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। फरीदाबाद के कुछ गांवों में यमुना नदी का पानी पांच फीट तक भर गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमों ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।

सोनीपत, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, झज्जर, यमुनागर, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और पंचकूला में स्कूल बंद कर दिए गए हैं।

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