बाराबंकी में श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के बाहर बिना मान्यता एलएलबी कोर्स का विरोध कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करने वाले चौकी इंचार्ज, दो मुख्य आरक्षी और एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार ने इस प्रकरण की जांच की और अपनी अंतरिम रिपोर्ट डीजीपी राजीव कृष्ण को सौंप दी। आईजी की सिफारिश पर एसपी बाराबंकी ने दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की।
सूत्रों के अनुसार, वीडियो फुटेज की जांच में चौकी इंचार्ज गजेंद्र विक्रम सिंह, मुख्य आरक्षी पवन यादव, सौरभ सिंह और सिपाही विनोद यादव को बेरहमी से लाठीचार्ज करते हुए दोषी पाया गया। वहीं, सीओ सिटी हर्षित चौहान और इंस्पेक्टर आरके राणा की भूमिका की जांच अभी चल रही है। जांच पूरी होने के बाद अंतिम रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप दी जाएगी। घटना के बाद मुख्यमंत्री ने सीओ को हटा दिया था, जबकि इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर किया गया था।
इस मामले में विश्वविद्यालय द्वारा बिना मान्यता एलएलबी कोर्स संचालित करने की जांच मंडलायुक्त अयोध्या को सौंपी गई थी। आईजी और मंडलायुक्त की रिपोर्ट के बाद बुधवार रात विश्वविद्यालय के खिलाफ बाराबंकी कोतवाली में मामला दर्ज किया गया।
छात्रों का कहना है कि उन्होंने केवल फैकल्टी और स्टाफ की आवाजाही रोकने के लिए गेट बंद किया था और छात्राओं को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। सीओ सिटी हर्षित चौहान मौके पर पहुंचे, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर छात्र पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। इसी खींचतान के बीच लगभग 4:03 बजे यूनिवर्सिटी गेट से कुछ लोग बाहर आए और गार्ड के डंडे लेकर छात्रों पर हमला कर दिया। कुल 21 मिनट के इस घटनाक्रम में कौन-कौन शामिल था और किसने भड़काने की साजिश रची, यह मुख्य सवाल है।
लाठीचार्ज के बाद अब तक सीओ, कोतवाल, चौकी इंचार्ज और एक सिपाही को हटाया जा चुका है। दो और सिपाहियों की पहचान हुई है, उनकी जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
— अर्पित विजयवर्गीय, एसपी-बाराबंकी