सासाराम में अमर शहीद बाबू जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस पर आयोजित राजनीतिक एकजुटता रैली में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बाबू जगदेव प्रसाद, कर्पूरी ठाकुर और लोहिया जैसे नेताओं ने सामाजिक न्याय के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। आज पिछड़े वर्ग को मिलने वाला अधिकार इन्हीं महान नेताओं की सोच और संघर्ष का नतीजा है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि वे इन विचारों को जमीन पर उतारकर उनके सपनों को साकार करेंगे।
1990 के दशक की याद दिलाई
तेजस्वी यादव ने 1990 का दौर याद दिलाते हुए कहा कि उस समय समाज में छुआ-छूत और भेदभाव चरम पर था। पिछड़ों को चप्पल पहनने, नए कपड़े पहनने, घोड़ी पर बैठने और मंदिर में प्रवेश तक से रोका जाता था। सत्ता में आने के बाद लालू प्रसाद यादव ने सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी और गरीबों को सम्मान दिलाया।
सामाजिक और आर्थिक न्याय का संदेश
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि उनकी 17 महीने की सरकार में 75% आरक्षण का प्रावधान किया गया था, लेकिन भाजपा सत्ता में आने के बाद इसे अदालत में अटकाया गया। उन्होंने जनता से अपील की कि वे एकजुट हों और ऐसे शासन को चुनें जो सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करे।
भ्रष्टाचार और अफसरशाही पर निशाना
तेजस्वी ने राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पर हमला बोलते हुए कहा कि ब्लॉक या किसी भी सरकारी दफ्तर में बिना पैसे के काम नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों के घरों से करोड़ों रुपये बरामद होते हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होती। उनका कहना था कि बिहार को ऐसी सरकार चाहिए जो पढ़ाई, दवाई, सिंचाई और सुनवाई सुनिश्चित करे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र अब उनकी कार्यक्षमता पर हावी हो रही है और उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री दलदल में फंसे हुए हैं और भाजपा उनसे बदला लेने की रणनीति तैयार कर रही है।
भाजपा और नकलची सरकार पर प्रहार
तेजस्वी ने भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि उनकी सरकार ने 11 वर्षों में एक भी चीनी मिल चालू नहीं की और अब सब कुछ निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। उन्होंने बिहार सरकार को ‘नकलची’ करार देते हुए कहा कि नौकरी, पेंशन और फ्री बिजली जैसी योजनाओं की शुरुआत उन्होंने ही की थी, लेकिन अब सरकार उन्हीं को लागू करने का दिखावा कर रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि अब बिहार को नकलची सरकार और डुप्लीकेट मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि दूरदर्शी नेतृत्व की जरूरत है।
कुशवाहा वोट बैंक पर फोकस
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस रैली का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव में कुशवाहा वोट बैंक को साधना है। सासाराम विधानसभा क्षेत्र में लगभग 80-90 हजार कुशवाहा मतदाता हैं और बाबू जगदेव प्रसाद इसी जाति से आते थे, इसलिए उनकी शहादत दिवस पर यह रैली आयोजित की गई।
सुरक्षा और माहौल
रैली के दौरान न्यू स्टेडियम में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए। भारी पुलिस बल और दंडाधिकारियों की तैनाती रही। कार्यक्रम स्थल पर सघन जांच के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया गया। शहर बैनर-पोस्टर और राजद के झंडों से सजाया गया था, जबकि पुरानी जीटी रोड पर कई तोरण द्वार बनाए गए और पूरा शहर तेजस्वी यादव के स्वागत के लिए हरा-हरा नजर आया।