लुधियाना के ससराली गांव में धुस्सी बांध टूटने से सतलुज दरिया का पानी आबादी वाले इलाकों में घुसने लगा है। खतरे को देखते हुए देर रात गुरुद्वारे से अनाउंसमेंट कर 15 गांवों के लोगों को सतर्क किया गया। ग्रामीणों से बच्चों और मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
शुक्रवार शाम तक बांध का बड़ा हिस्सा पानी में बह गया था। प्रशासन ने ससराली क्षेत्र में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। पहले बांध को मजबूत करने की कोशिशें जारी थीं और साथ ही लगभग 700 मीटर की दूरी पर एक वैकल्पिक बांध भी बनाया जा रहा था, लेकिन तेज बहाव के चलते पानी उसे भी प्रभावित करने लगा।
बुधवार को बांध की दरारें भरी गई थीं, लेकिन नीचे से लगातार मिट्टी बहने से बांध कमजोर होता गया। हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि ससराली के साथ बूंट, रावत, हवास, सीड़ा, बूथबढ़, मंगली, टांडा, ढेरी, ख्वाजके, खासी खुर्द, मंगली कादर, मत्तेवाड़ा, मांगट और मेहरबान समेत आसपास के गांवों में पानी फैलने का खतरा है।
प्रशासन ने प्रभावित लोगों को राहों रोड, चंडीगढ़ रोड, टिब्बा रोड, कैलाश नगर, ससराली, खाली कलां मंडी, खाली कलां स्कूल, भूखड़ी स्कूल, मत्तेवाड़ा स्कूल और मत्तेवाड़ा मंडी में बनाए गए राहत केंद्रों में पहुंचने की सलाह दी है।
रातभर ग्रामीण बांध के पास पहरा देते रहे, लेकिन बांध का लगभग आधा हिस्सा टूट चुका है। सुबह पंजाब पुलिस और सेना ने सुरक्षा कारणों से लोगों को वहां जाने से रोक दिया। इसके बाद सेना और प्रशासन ने बांध को मजबूत करने का काम शुरू किया। मांगट कॉलोनी में भी ग्रामीणों ने खुद ही अस्थायी बांध बनाने की कोशिश की है।
डीसी हिमांशु जैन ने बताया कि ससराली में तीन स्थानों पर काम जारी है, जिनमें से एक जगह हालात ज्यादा गंभीर हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचें और प्रशासनिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें।