हरियाणा में बारिश थमने से कुछ जिलों में नदियों का जलस्तर शुक्रवार को घटा, लेकिन कई इलाके अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। घग्गर और मारकंडा नदियों का पानी तटबंध तोड़कर खेतों और बस्तियों में घुस रहा है। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में मारकंडा नदी अब भी उफान पर है, जबकि सिरसा, फतेहाबाद और कैथल जिलों में घग्गर का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
जीटी रोड बेल्ट में भारी तबाही मचाने के बाद यमुना, टांगरी, मारकंडा, राक्षी और बेगना नदियों का पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया है, लेकिन राहत की स्थिति अभी नहीं बनी। शुक्रवार को जलभराव और बारिश से जुड़े हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई।
झज्जर के बहादुरगढ़ में जलभराव से निपटने के लिए सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। एनडीआरएफ और सिंचाई विभाग की टीमों के साथ मिलकर वे मुंगेशपुर ड्रेन के तटबंध को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।
मुंगेशपुर ड्रेन ओवरफ्लो होने से दिल्ली सीमा से सटे गांवों में छह फीट तक पानी भर गया है। यहां करीब तीन हजार लोग घरों में फंसे हुए हैं। अंबाला में पानी में डूबकर अनिल (50) की मौत हो गई, जो गुरुवार को टैगोर कॉलोनी में परिवार को दूध पहुंचाने निकले थे। कुरुक्षेत्र के चनालहेड़ी गांव में 19 वर्षीय अरुण बीबीपुर झील में डूब गया। फतेहाबाद के मंगेड़ा गांव में मकान की छत गिरने से पवन कुमार (40) की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और दो बच्चे घायल हो गए। वहीं, फरीदाबाद के शिव एनक्लेव-3 से लापता सागर और बंटी का शव जलभराव से बरामद हुआ है।
हालांकि नदियों का जलस्तर घट रहा है, लेकिन तेज बहाव से तटबंध और नालियां लगातार टूट रही हैं। शुक्रवार सुबह यमुनानगर के कमालपुर टापू में मिट्टी के कट्टे बह गए। कुरुक्षेत्र के नैसी गांव के पास तटबंध टूटने से कई गांवों पर खतरा मंडरा रहा है। सिरसा के झोरड़नाली और हिसार के पातन, गुराना व कैमरी के पास भी घग्गर ड्रेन टूट गई। रोहतक के सांपला क्षेत्र में पाकस्मा-गांधरा ड्रेन ओवरफ्लो होने से हालात और बिगड़ गए हैं।